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असम की यात्रा पर गए राहुल गांधी ने एक जनसभा में नागरिकता संशोधन कानूनअसम की यात्रा पर गए राहुल गांधी ने एक जनसभा में नागरिकता संशोधन कानूनको लेकर जो कुछ कहा, उससे एक बार फिर उनकी राजनीतिक नासमझी उजागर हुई। उन्होंने कहा कि यदि असम में कांग्रेस की सरकार बनी तो राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं होने देंगे। यह संभव नहीं, क्योंकि नागरिकता प्रदान करने का अधिकार राज्यों के पास है ही नहीं। यह केंद्रीय सत्ता के अधिकार वाला विषय है। राहुल गांधी के बयान ने उन भाजपा विरोधी और खासकर कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकारों की याद दिला दी, जिन्होंने कुछ समय पहले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर सस्ती राजनीति का परिचय दिया था। यह सही है कि असम में कुछ लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, लेकिन कम से कम राहुल गांधी को तो इससे परिचित होना चाहिए कि इस राज्य में बांग्लादेश से आए लाखों लोग रह रहे हैं। क्या राहुल गांधी यह चाहते हैं कि ये लाखों लोग अनिश्चितता के भंवर में पड़े रहें? आखिर इनके भविष्य का निर्धारण क्यों नहीं किया जाना चाहिए? इस सवाल के संदर्भ में यह स्मरण करना आवश्यक है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आए हजारों लोग कांग्रेस की उदासीनता और अनदेखी के कारण ही दशकों तक बुनियादी नागरिक अधिकारों से वंचित रहे। यदि अनुच्छेद 370 और 35-ए नहीं हटाया जाता तो शायद ये लोग अभी भी उपेक्षा का शिकार बने रहते।