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- कोरोना क्राइसिस में...
संयम श्रीवास्तव। इधर पांच राज्यों में हुई कांग्रेस (Congress) की दुर्दशा ने पार्टी को जितनी चिंता में डाल दिया है उतना ही देश में कोरोना क्राइसिस (Corona Crisis) के चलते सरकार की हुई दुर्गति में उसे उम्मीद की किरण भी दिखाई दे रही है. दरअसल कोरोना महामारी को ठीक से हैंडल न करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगातार लग रहा है. कांग्रेस को लग रहा है कि यही मौका है देश की जनता के बीच पहुंचकर अगले चुनावों में बीजेपी सरकार से सत्ता हथियाने का. शायद यही कारण है कि कांग्रेस ने इधर ताबड़तोड़ फैसले लिए हैं. पार्टी एक तीर से कई शिकार करना चाह रही है. दरअसल पार्टी के हुक्मरानों को यह भी पता है कि अगर जून की बैठक में G-23 ने अध्यक्ष बदलने की मांग कर दी तो हमारा क्या होगा? इसीलिए शायद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक नई चाल चली है. सोनिया गांधी ने 'कोरोना रिलीफ टास्क फोर्स' का गठन किया है. सबसे बड़ी बात ये है कि सोनिया गांधी ने इसकी कमान गुलाम नबी आजाद को दी है, ये वही गुलाम नबी आजाद हैं जो G-23 का चेहरा हैं और जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के नेतृत्व में परिवर्तन करने की मांग की थी.