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- दुविधा में फंसी...
एनबीटी डेस्क पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच गुरुवार को हुई लंबी बैठक भी कोई नतीजा नहीं दे सकी। वैसे विवाद सुलटाने की कोशिश अभी जारी है लेकिन हकीकत यही है कि पंजाब में कांग्रेस अपनी ही बनाई गुत्थी में कुछ इस तरह उलझ गई है कि उससे निकलते नहीं बन रहा। नए मुख्यमंत्री चन्नी के फैसलों पर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सिद्धू ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, उसके बाद यह समझना मुश्किल है कि कैसे दोनों आपस में तालमेल बनाकर चलेंगे और उसे उसूलों पर समझौता नहीं मानेंगे। उधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह तो साफ कर दिया कि वह बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही पार्टी छोड़ने का इरादा भी जाहिर कर दिया। उन्हें मनाने की कवायद चल रही है, पर तय नहीं है कि ऊंट आखिरकार किस करवट बैठेगा। पांच महीने बाद जिस राज्य में चुनाव होने वाले हों, वहां सत्तारूढ़ दल के अंदर इस तरह की अनिश्चितता पार्टी नेतृत्व की घोर असफलता ही कही जाएगी। हालांकि लंबे समय से कुछ न करने का आरोप झेलने वाले कांग्रेस नेतृत्व ने पिछले दिनों कुछ ठोस फैसले लेकर पॉजिटिव संदेश दिया था।