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- शाखाएं शुरू होने पर आप...
किरण चोपड़ा: लगभग दो-ढाई साल से वरिष्ठ नागरिक की सभी देश की शाखाएं कोरोना के कारण बंद थीं। मेरी पूरी कोशिश रही कि अपने सदस्यों को इस समय अकेला न छोडूं, उनको डिप्रेशन में न जाने दूं, साे खुद भी बहुत चुनौतियों का सामना कर रही थी परन्तु मैं बहादुर पति की पत्नी और बहादुर बच्चों की मां और भारत की सशक्त बेटी के नाते आप सबके साथ से सबको अपने साथ और एक-दूसरे के साथ जोड़े रखा। सभी बहुत खुश रहे, व्यस्त और मस्त रहे, यहां तक कि इंटरनैशनल वरिष्ठ नागरिक आपस में जुड़ गए। सभी शाखाओं के सदस्य आपस में जुड़ गए। दूसरे शहर की शाखाओं के लोग एक-दूसरे को नहीं जानते थे, इस घड़ी में सब एक-दूसरे को जानने लग गए। ब्रांच हैड एक-दूसरे को अच्छी तरह समझ रहे थे, सो जैसे हमने बुढ़ापे को गतिविधियों से वरदान बनाया, वैसे ही कोरोना के नैगेटिव असर को भी पॉजिटिव बनाया। यहां तक की जरूरतमंद सदस्यों को घर-घर राशन और आर्थिक सहायता पहुंचाई।संपादकीय :परिणाम से पहले ही चौकसी !भारत-चीन : क्या तनाव खत्म होगाचांद पर 4जी नेटवर्कउत्तर प्रदेश में पुनः भाजपामानसिक दबाव में जवानभारत का सच्चा मित्र 'रूस'अब जैसे ही कोरोना की तीसरी लहर थोड़ी ढीली पड़ने लगी सभी के मैसेज और रिक्वैस्ट आगे लगे कि शाखाएं खोली जाएं। मैंने सबको कहा बच्चा-बूढ़ा एक समान जैसे ही बच्चों के स्कूल खुलेंगे आपकी ब्रांच भी खोलेंगे। जैसे ही स्कूल खुले हमने शाखाएं खोल दीं। अब सबसे पहले पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, नरेला, गुड़गांव, पटेल नगर, ग्रीन पार्क, हैदराबाद शाखाएं खुलीं। मेरा सबसे वायदा है एक-एक ब्रांच मैं अपने समय के हिसाब से जाऊंगी तो सबसे पहले मॉडल टाउन ब्रांच में जाना हुआ। वहां तो ऐसा माहौल था कि उनकी खुशियां देख कर मैं भी बहुत खुश हुई। जैसे किसी कैद से सभी छूटे हों। सब का दिल कर रहा था कि उनके हाथ में माइक आ जाए और वह उसे कभी न छोड़े, बिल्कुल छोटे बच्चों की तरह व्यवहार कर रहे थे। सभी सेल्फी ले रहे थे। हमारे आदरणीय भाई जी अपनी पत्नी के साथ उपस्थित थे, जो शुरू से इस ब्रांच का बहुत साथ देते हैं। यही नहीं गुरुग्राम, नरेला और पंजाबी बाग के सदस्यों ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। सदस्यों ने क्या गणेश वंदना की, कपिला जी ने रिपोर्ट पढ़ी। ब्रांच हैड ने बहुत सुन्दर गीत गाया और शशि ग्रोवर ने तो तरह-तरह के गीत सुनाए। ब्रांच हैड बीनू चौहान और मंजू लाल जी ने बहुत मेहनत की हुई। इस बार तो मंजू लाल जी के पति लाल साहब भी उनका साथ दे रहे थे।सचमुच कोरोना ने आर्थिक व्यवस्था को झंझोड़ कर रख दिया। बहुत से लोगों की जानें गईं, बहुत ही नुक्सान हुआ परन्तु ऐसे समय में परिवारों ने एक-दूसरे की महत्वता महसूस की। वरिष्ठ नागरिक ने सभी परिवारों को जोड़ा, बच्चों ने अपने माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी की वीडियो बनाई और जुगलबंदी में साथ भी दिया। अब तो सभी सदस्यों के बच्चों और पोते-पोतियों को उनका महत्व मालूम है और उनकी शान के बारे में भी मालूम है कि वह वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्य हैं। वह सब कुछ कर सकते हैं, मर्यादा में रहकर। मेरी तो बस एक ही प्रार्थना है सभी सुन्दर स्मार्ट तैयार होकर रहें, अच्छी तरह ड्रेसअप होकर हर दिन को हर पल को खुशी से मनाएं या व्यतीत करें। कल हो न हो...मेरे लिए वो दिन बहुत अच्छा होगा जब सबको मस्त-व्यस्त और खुश देखूंगी और आकर्षक तरीके से स्मार्ट सुन्दर तैयार हुए देखूंगी।