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- तालिबान पर असमंजस

अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन की भारत यात्रा के बाद कहा गया कि अफगानिस्तान के सवाल पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। मगर उसी समय ब्लिंकेन ने चीन और तालिबान के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक का स्वागत कर दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति के साथ सभी के हित जुड़े हैं। ऐसे में अगर चीन के दखल से अफगान सरकार और तालिबान में मेलमिलाप होता है, तो यह स्वागत योग्य होगा। जबकि तमाम कूटनीतिक संकेत हैं कि तालिबान और चीन में बनती करीबी से भारत को परेशानी हुई है। इसी बैठक के बाद भारत की तरफ से कहा गया कि तालिबान ने अगर ताकत के जोर से अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तो वह समस्या का लोकतांत्रिक और टिकाऊ समाधान नहीं होगा। गौरतलब है कि तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान में बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। खुद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन का अब अनुमान है कि तालिबान अब तक देश के आधे से अधिक जिलों पर कब्जा कर चुका है।
