- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- आओ झुककर सलाम करें
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफैंस और पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मौत भारत के लिए काफी दुखदाई है। समूचा देश स्तब्ध है कि पलभर में ऐसा क्या हुआ जिसने देश के योद्धाओं की जान ले ली। जनरल बिपिन रावत को 31 दिसम्बर 2019 को भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। बतौर सीडीएस जनरल रावत की जिम्मेदारियों में भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में समन्वय और सैन्य आधुनिकीकरण जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल थीं। देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी से ट्रेनिंग लेने के बाद वे 11वीं गोरखा राइफल्स टुकड़ी की पांचवीं बटालियन में सैकेंड लेफ्टिनेंट बनाए गए। गोरखा ब्रिगेड में सेना के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले वह चौथे अफसर थे। उत्तर पूर्व में चरमपंथ में कमी के लिए उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। 2015 में म्यांमार में घुसकर भारतीय सेना की कार्रवाई के लिए भी उनकी सर्वत्र सराहना हुई थी और 2018 में बालाकोट हमले में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत के पूर्व में चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात एक इंफैंट्री बटालियन के अलावा कश्मीर घाटी में एक राष्ट्रीय राइफल्स सैक्टर की कमान सम्भाली थी। उनके युद्ध कौशल का कोई सानी नहीं रहा। मिलिट्री स्ट्रेटजिक स्टडीज में उनके शोध के लिए उन्हें डाक्टर ऑफ फिलासफी से भी सम्मानित किया गया था। चार दशक से लम्बे सैन्य जीवन में जनरल रावत को सेना में बहादुरी और योगदान के लिए परम विशिष्ट सेना मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेना मेडल के अलावा कई प्रशस्तियों से सम्मानित किया गया था। हेलीकाप्टर क्रेश में उनके साथ हमेशा के लिए मौत की आगोश में सोये अफसर भी काफी अनुभवी थे।वायुसेना के हेलीकाप्टर ने वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी लेकिन हेलीकाप्टर बीच रास्ते में रहस्यमय ढंग से ध्वस्त हो गया। हादसा स्थल पर हेलीकाप्टर का ब्लैक बाक्स मिल चुका है। दुर्घटना के कारणों का पता तो जांच-पड़ताल के बाद ही चलेगा लेकिन कुछ सवाल जरूर उठ खड़े हुए हैं। पहला सवाल तो यह है कि एमआई शृंखला का हेलीकाप्टर आखिर क्रेश कैसे हुआ। इसमें दो इंजन लगे होते हैं, एक इंजक के खराब होने से दूसरा इंजन आटोमेटिकली चालू हो जाता है। यह खराब मौसम, बर्फबारी आदि में भी यह हेलीकाप्टर उड़ान भर सकता है। पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में भी सेना ने इन्हीं हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया था। यह सवाल जरूर उठ रहा है कि एक इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति का हेलीकाप्टर इतना असुरक्षित कैसे हो गया। क्या उड़ान भरने से पहले हेलीकाप्टर की जांच की गई या नहीं। क्या हेलीकाप्टर दुर्घटना मानवीय चूक का परिणाम है या तकनीकी गड़बड़ी का परिणाम? अतिवशिष्ट