सम्पादकीय

सूरज के करीब

Rani Sahu
20 Dec 2021 4:00 PM GMT
सूरज के करीब
x
यह किसी जादुई रोमांच से कम नहीं कि मानव इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्यमंडल को छुआ है

यह किसी जादुई रोमांच से कम नहीं कि मानव इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्यमंडल को छुआ है। नासा का पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से होकर गुजरा है। इस कामयाबी और उसके शुरुआती नतीजों की घोषणा 14 दिसंबर को अमेरिका के न्यू ऑरलियंस में की गई है। यह अत्यंत पठनीय रिपोर्ट एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। पार्कर सोलर प्रोब सौर विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐसी लंबी छलांग है, जिसकी चर्चा हमेशा होगी। जिस तरह चंद्रमा पर उतरने से वैज्ञानिकों को यह समझने में बहुत मदद मिली थी कि वह कैसे बना है, ठीक उसी तरह से सूर्य के पास जाकर पुख्ता जानकारी हो सकेगी कि सूर्य कैसे बना है? सूर्य के भूगोल, इतिहास के बारे में भी और प्रामाणिक तौर पर दुनिया के लोग जान सकेंगे। वाशिंगटन में नासा के मुख्यालय में विज्ञान मिशन निदेशालय के सहयोगी प्रशासक थॉमस जुर्बुचेन का उत्साह काबिलेगौर है। वह इस कामयाबी को उचित ही मील का पत्थर बता रहे हैं। हम सूर्य के विकास व सूर्यमंडल के प्रभावों को समझने की दिशा में अब और तेजी से बढ़ने वाले हैं। सूर्य को समझने से बाकी ब्रह्मांड और अन्य चमकदार सितारों को समझने में बहुत सहूलियत हो जाएगी।

नासा के इस अभियान की शुरुआत साल 2018 में हुई थी, अब उसकी कामयाबी सामने आने लगी है। सौर हवा में चुंबकीय संरचनाएं कहां और कैसे बनती हैं, इसकी खोज जारी है। पार्कर सोलर धीरे-धीरे सौर सतह के करीब पहुंचा है। इस बड़े अभियान के एक वैज्ञानिक नूर रौफी कहते हैं, 'सूर्य के इतने करीब से उड़ान भरते हुए पार्कर सोलर प्रोब सौर वातावरण की चुंबकीय रूप से हावी परत- कोरोना- की स्थितियों को महसूस कर सका है, जो हम पहले कभी नहीं कर सके थे।' सूर्य की सतह पृथ्वी जैसी ठोस नहीं है। वहां अत्यधिक गरम वातावरण है, जो गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय बलों द्वारा सूर्य से बंधी सौर सामग्री से बना हुआ है। बढ़ती गरमी और दबाव की वजह से सौर सामग्री सूर्य से दूर छिटकती है। सौर हवा के व्यवहार के बारे में हम ज्यादा से ज्यादा जानने वाले हैं। किरण या ऊर्जा सूर्य से केवल छिटककर दूर जाती है, क्या वह किसी रूप में लौटती भी है? वैज्ञानिक इसका विस्तार से अध्ययन करेंगे।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पार्कर सोलर यान ने सूर्य से पृथ्वी की दूरी का 91 प्रतिशत हिस्सा तय कर लिया है। पहली बार अंतरिक्ष यान ने खुद को ऐसे क्षेत्र में पाया है, जहां चुंबकीय क्षेत्र इतने मजबूत थे कि वहां मौजूद कण-कण की गति पर हावी हो रहे थे। यह वह क्षेत्र है, जहां से सूर्य का अपना विशेष प्रभाव शुरू होता है, जहां सूर्य का प्रत्यक्ष नियंत्रण है। पार्कर सोलर यान कुछ घंटों तक सूर्य के क्षेत्र में रहा है, और अब वह फिर अगले ही महीने, यानी जनवरी 2022 में इसी क्षेत्र में होगा। सब कुछ सही रहा, तो आने वाले वर्षों में यह यान अनेक बार सूर्य क्षेत्र से होकर गुजरेगा। सूर्य के रहस्य को खोलने की दिशा में नासा का यह अभियान वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे विज्ञान के प्रति दुनिया में लगाव भी बढ़ेगा। सूर्य को लेकर कई प्रकार के मिथक रहे हैं, उनमें से ज्यादातर धीरे-धीरे टूट चुके हैं, अभी और भी टूटेंगे। कहने की जरूरत नहीं है कि इस अभियान से आगामी सौर व अंतरिक्ष अभियानों को काफी मदद मिलने वाली है।

हिंदुस्तान

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story