सम्पादकीय

जलवायु का संकट

Subhi
15 Nov 2022 6:01 AM GMT
जलवायु का संकट
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इससे समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, जमीन धंसने, सूखा, जंगलों में आग जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। वैसे भी औद्योगिकीकरण शुरू होने के बाद से धरती का तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है।

Written by जनसत्ता: इससे समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, जमीन धंसने, सूखा, जंगलों में आग जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। वैसे भी औद्योगिकीकरण शुरू होने के बाद से धरती का तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है।

वैज्ञानिक इसके लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को जिम्मेदार मानते हैं। ये गैसें इंसानी जरूरतों, जैसे बिजली उत्पादन, गाड़ियों के धुएं, औद्योगिक गतिविधियों और अन्य वजहों से पैदा होती हैं। इनसे जो गैसें उत्सर्जित होती हैं, उनमें मूल रूप से कार्बन डाइआक्साइड शामिल है। यह गैस धरती के वायुमंडल में लगातार बढ़ती जा रही है।

धरती के बढ़ते तापमान की वजह से यदि समुद्र के स्तर में एक मीटर की वृद्धि होती है तो बांग्लादेश जैसे तटीय देशों के करोड़ों लोग विस्थापन को मजबूर हो जाएंगे। जलवायु परिवर्तन के प्रतिगामी प्रभावों के चलते विकासशील देशों में विकास एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम खटाई में पड़ सकते हैं। बहरहाल, सैद्धांतिक तौर पर आज पूरी दुनिया यह मानती है कि प्रकृति के वर्तमान स्वरूप को बनाए रखने के लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर सभी जरूरी कदम उठाने होंगे।

अपराध साबित होने के बाद दोषियों को सजा मिलती है। उस सजा का उद्देश्य अपराध करने वाले को हानि पहुंचाना या उसका उत्पीड़न करना नहीं होता, बल्कि समाज में एक स्थिरता और शांति पहुंचाने का संदेश देना होता है। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से रिहा करने का बड़ा फैसला किया है। हालांकि यह काफी संवेदनशील फैसला है क्योंकि बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों की है।

इससे निश्चित रूप से देश के बहुत सारे लोगों की भावनाओं को ठेस भी पहुंची होगी। जाहिर है, जिन अपराधियों को फांसी के फंदे पर चढ़ाना चाहिए था, उन अपराधियों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। स्वाभाविक रूप से सुप्रीम कोर्ट ने कई सारे पहलुओं को देख कर यह फैसला लिया होगा, लेकिन इस फैसले के बाद अपराधियों के मन में डर की भावना कम हो जाएगी। वे अपराध करने में झिझकेंगे नहीं। देश में अपराध को खत्म करने के लिए अपराधियों के खिलाफ सख्ती बरतने की जरूरत है।


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