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- तालिबान में तकरार

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से जुड़ी जितनी भी आशंकाएं जताई गई थीं, वे सब सही साबित हो रही हैं। खबरों के मुताबिक, अंतरिम सरकार में उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और सरकार में शामिल हक्कानी नेटवर्क के बीच गहरे मतभेद उभर आए हैं। कहा तो यह तक जा रहा कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक बैठक के दौरान दोनों गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई और गोलियां चलीं, जिनसे कुछ लोग जख्मी हुए। अब पश्चिमी मीडिया की खबरें संकेत दे रही हैं कि हक्कानी गुट ने बरादर को अगवा कर लिया है। सब जानते हैं कि कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका-तालिबान वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधित्व अब्दुल गनी बरादर कर रहे थे और दोनों के बीच हुए करार में तालिबान ने एक ऐसी समावेशी सरकार पर हामी भरी थी, जिसमें अफगानिस्तान के सभी जातीय समूहों, तबकों और क्षेत्रों की नुमाइंदगी होगी। पर हक्कानी नेटवर्क अब आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान विरोधी तत्वों को सत्ता में प्रभावी होने से रोकने में जुटा है।
