सम्पादकीय

अमेरिका को चीन की चुनौती

Gulabi
9 Dec 2020 10:01 AM GMT
अमेरिका को चीन की चुनौती
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हथियारों के विश्व बाजार में अब अमेरिका को चीन चुनौती देने लगा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हथियारों के विश्व बाजार में अब अमेरिका को चीन चुनौती देने लगा है। इस तथ्य को ध्यान में रखें तो समझा जा सकता है कि आखिर अमेरिका क्यों चीन के पर काटने के लिए इतना बेचैन है। हालांकि दबदबा अभी अमेरिका का ही है, लेकिन चीन तेजी से उभर रहा है। इस सूरत को देखते हुए ये मानना कठिन लगता है कि चीन पर लगाम लगाने में अमेरिका और उसके सहयोगी देश बहुत कामयाब हो पाएंगे। फिलहाल, सामने आए तथ्य स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) नाम की संस्था की तरफ से प्रकाशित एक रिपोर्ट से सामने आए हैं। उसके मुताबिक अमेरिका और चीन का साल 2019 में हथियारों के वैश्विक बाजार पर दबदबा रहा। रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार पश्चिम एशिया ने शीर्ष 25 हथियार निर्माताओं की सूची में जगह बनाई है। स्वीडन के इस शोध संस्थान के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक 2019 में अमेरिकी कंपनियां शीर्ष के पांच पायदानों पर रहीं।


उनमें लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, नॉर्थोरूप ग्रुमैन, रेथियोन और जनरल डायनामिक्स शामिल हैं। इन कंपनियों ने एक साल में कुल 166 अरब डॉलर के हथियार बेचे। टॉप 25 हथियार निर्माताओं में से 12 अमेरिकी हैं। इन कंपनियों ने टॉप 25 कंपनियों द्वारा बेचे गए कुल हथियारों का 61 प्रतिशत हिस्सा बेचा। अब चीन पर गौर करें। पिछले साल 16 प्रतिशत हथियारों की बिक्री के साथ चीन दूसरे स्थान पर रहा। टॉप 25 रैंकिंग में चीन की चार हथियार बनाने वाली कंपनियां अब शामिल हो गई हैं। चीन की चार हथियार बनाने वाली कंपनियों ने 2019 में 56.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे। टॉप 25 कंपनियों में जगह बनाने वाली चीनी कंपनियों के नाम हैं- एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना, चीन इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉर्पोरेशन, चीन नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉरपोरेशन और चीन साउथ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन। सिपरी ने कहा है कि चीन की हथियार निर्माता कंपनियां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आधुनिकीकरण कार्यक्रमों से लाभ उठा रही हैं। सिपरी के मुताबिक टॉप 25 कंपनियों की सूची में और अधिक चीनी कंपनियों को शामिल किया जा सकता था, लेकिन "संतोषजनक और सटीक डेटा" की कमी के कारण उन्हें बाहर रखा गया। इस बार टॉप 25 में संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी ऐज सूची भी आई है, जो 22वें स्थान पर है। तो कुल स्थिति यह उभरती है कि चीन अब इस क्षेत्र एक बड़ी हैसियत के रूप मे उभर रहा है।


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