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- पीछे लौटता चीन: पूर्वी...
भूपेंद्र सिंह| पूर्वी लद्दाख में गोगरा इलाके से चीनी सेना का पीछा हटना भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह ध्यान में रखना होगा कि इस सैन्य गतिरोध का समाधान दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत के बाद हो सका। कायदे से इस साल फरवरी में पैंगोंग झील इलाके से सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन जाने के बाद अन्य क्षेत्रों में भी आमने-सामने खड़ी सेनाओं को अपने स्थान पर लौट जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो चीन के अड़ियल रवैये के कारण। चीन खुद की ओर से पैदा किए गए सैन्य गतिरोध को सुलझाने के मामले में किस तरह अड़ियल रवैया अपनाता है और दूसरे पक्ष को थकाने की रणनीति पर चलता है, इसका एक प्रमाण यह है कि अभी हाट स्प्रिंग और देपसांग इलाके से चीन अपनी सेना को पीछे लौटाने के लिए तैयार नहीं। यह अच्छा है कि भारत चीन की थकाने वाली रणनीति को समझ गया है और वह भी उसे उसकी ही भाषा में जवाब दे रहा है। शायद यही कारण है कि चीन एक के बाद एक इलाकों से अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर हो रहा है, लेकिन जब तक पैंगोंग और गोगरा की तरह से बाकी इलाकों से चीन अपनी सेना को पीछे नहीं लौटाता, तब तक उस पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।