सम्पादकीय

China Plane Crash : क्‍या भंवर में फंस गया प्‍लेन या ऊंचाई पर विमान के बंद होने से हुआ हादसा?

Gulabi Jagat
23 March 2022 7:58 AM GMT
China Plane Crash : क्‍या भंवर में फंस गया प्‍लेन या ऊंचाई पर विमान के बंद होने से हुआ हादसा?
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संयोग से कल शाम मैं एक बोइंग 737-800 में सवार था. करीब 7000 से ज्‍यादा की संख्या में यह एयरक्राफ्ट वाकई कई बेड़ों की रीढ़ है
बिक्रम वोहरा।
संयोग से कल शाम मैं एक बोइंग 737-800 में सवार था. करीब 7000 से ज्‍यादा की संख्या में यह एयरक्राफ्ट (Aircraft) वाकई कई बेड़ों की रीढ़ है. 737-800 सीरीज के इन विमानों की मार्केटिंग अगली पीढ़ी के रूप में की गई है. ये मैक्‍स वर्जन की तरह नहीं हैं, जिनके हवा में उड़ने पर एक बार प्रतिबंध लगा दिया गया था. 737-800 और मैक्स के बीच मुख्य अंतर है इन दोनों विमानों में प्रयोग किए जाने वाले इंजन. जहां 737-800 में मुख्य रूप से CFM56 का उपयोग किया जाता है, वहीं मैक्स सीरीज के एयरक्राफ्ट में CFM LEAP 1B इंजन प्रयोग में लाया जाता है. चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस बोइंग (China Eastern Airlines Boeing) 737-800 में 132 लोग सवार थे, जो कि दक्षिणी चीन के पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एयरोनॉटिक्स की जानकारी के हिसाब से यह थोड़ा विरोधाभासी प्रतीत होता है, क्‍योंकि ये एयरक्राफ्ट आसमान से क्रूज ऑल्‍टीट्यूड (वर्टिकल होकर) में नहीं गिरा करते हैं.
फ्लाइट रडार के अनुसार, प्‍लेन 29,000 फीट की ऊंचाई से 90 सेकेंड में 2900 फीट नीचे गिरा. इसके बाद नोज डाइव मार रहा प्‍लेन कुछ देर के लिए स्थिर भी हुआ और दोबारा गिरने लगा. फ्लाइट एमयू 5735 फ्लाइट के मार्ग का मैप देखने से ऐसा माना जा रहा है कि कैप्‍टन ने विमान को ग्वांगझू शहर में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाने के लिए बड़े ही साहस के साथ उसे ऊपर की ओर उठाने का प्रयास किया. अगर ऐसा है तो यह बड़े ही पराक्रम की बात है.
नोजडाइव से बाहर निकलने के पायलट के सभी प्रयास विफल साबित हुए
यह एक अजीब स्थिति है और कोई भी कनेक्‍शन बनाने के लिए ठोस सबूत नहीं है, लेकिन हाल ही में नोजडाइव की दो घटनाएं ऐसी घटीं, जिनसे इसकी तुलना की जा सकती है. मैक्स 8 इथियोपियन और लायन एयर क्रैश, जो कि क्रमश: अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 में हुए थे. इन हालात में मैक्स को 737-800 बोइंग से जोड़कर देखने का प्रयास किया जा सकता है, लेकिन यह अनुचित होगा. क्योंकि उस समय हादसे के लिए आरोप मेनुवरिंग कैरेक्‍टरिस्टिक ऑगमेंटेंशन सिस्‍टम (MCAS) सॉफ्टवेयर जोड़े जाने पर केंद्रित थे, जो प्‍लेन की पिच ऑफ द नोज (विमान के उड़ान भरते और उतरते समय उसके अग्र भाग को संतुलित करना) को कंट्रोल करता है. बोइंग अपने ज्‍यादा पावरफुल मैक्स इंजन के लिए इसे लेकर आया था, जिससे कि प्‍लेन स्थिर रहे लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा. दोनों ही क्रैश में MCAS ने प्‍लेन की नोज को नीचे की ओर पुश किया और नोजडाइव से बाहर निकलने के पायलट के सभी प्रयास विफल साबित हुए.
संक्षेप में, 'एंगिल ऑफ अटैक' सेंसर ने गलत डेटा भेजा, जिसकी वजह से एंटी-स्‍टॉल कंप्यूटर ने नोज डाउन पुश की कमांड दी, जिससे विमान धरती की दिशा में गिरना शुरू हुआ और पायलट इस कमांड को निष्‍प्रभावी नहीं कर पाया. प्‍लेन के विंग्‍स द्वारा कितनी लिफ्ट जेनेरेट की जा रही है, एंगिल ऑफ अटैक सेंसर अप्रत्यक्ष रूप से इसी आधार पर मूल्‍यांकन करता है. चूंकि, MCAS सिस्‍टम को 800s में फिट नहीं किया गया है तो एंगिल ऑफ अटैक सेंसर द्वारा गलत डेटा दिए जाने की स्थिति पैदा ही नहीं होती है. चौथी जेनरेशन के एयरक्राफ्ट अपने मजबूती के चलते अचानक उड़ान भरना बंद नहीं करते, यहां तक कि ये अपना इंजन खो दें, तब भी. महान कैप्‍टन सुली ने पक्षी के टकराने से दोनों इंजन खो देने के बाद जब हडसन पर A320 की लैंडिंग कराई, तब भी संकटग्रस्‍त एयरक्राफ्ट ने नोजडाइव नहीं मारी.
जब तक हम किसी भी वर्बल रिकॉर्डिंग के माध्यम से अंतिम क्षणों के बारे में अधिक नहीं जानते हैं, तब तक एंगल ऑफ फ्रीज की संभावना के बारे में कोई तार जोड़ने का कोई मतलब नहीं है. 737-800 के इंजन कम शक्तिशाली हैं, लेकिन जिस प्रकार से प्‍लेन गिरा है, उसमें समानता तो है, यह कहीं अधिक गंभीर बात है. चीन ने अपने 600 मजबूत 737 फ्लीट की उड़ानें रोक दी हैं, क्योंकि मैक्स वाले कहानी की काली छाया अभी तक पूरी तरह नहीं छटी है.
एयरफ्लो में बदलाव से भी प्‍लेन का ऊपर उठना बंद हो सकता है
आप तब तक जोखिम नहीं उठा सकते हैं जब तक इसकी पुष्‍टि न हो जाए कि यह एकदम सही तरीके से कार्य कर रहा है. तो 1985 में क्‍या हुआ होगा, 747SP चाइना एयरलाइंस 006 के तौर पर ऑपरेट कर रही थी, केवल ढाई मिनट में 30,000 फीट नीचे जाकर गिरी थी. इसके पीछे कारण इंजन का फेल होना था, जहां ऑल्‍टीट्यूड और विंग लेवल मेंटेन करने के लिए ऑटो पायलट कंट्रोल पर जाते हुए एयरक्राफ्ट ने काम करना बंद कर दिया था.
2018 में एक कंतास जंबो जेट 30,000 फुट की ऊंचाई से गिरा, प्‍लेन करीब 10 सेकेंड तक गिरता रहा और इसके बाद वह एक अन्‍य फ्लाइट के क्रॉस वॉरटेक्‍स (कोई भी विमान जब गुजरता है तो वह वायुमंडल में एक भंवर सा छोड़कर जाता है) में फंस गया. इस प्रकार के भंवर करीब तीन मिनट तक रह सकते हैं. एविएशन एक्‍सपर्ट कहते हैं कि अपने चरम पर अगर यह भंवर विमान से टकरा जाए तो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. प्‍लेन ऐसे घूम सकता है कि उसे संभालना मुश्किल हो सकता है. यह भंवर (वॉरटेक्‍स) प्‍लेन के ढांचे को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इससे विमान का नियंत्रण भी खो सकता है.
उसी तरह ऊंचाई पर जितना मैक्‍स सीरीज में देखने को मिला उससे कम एंगिल ऑफ अटैक पर भी विमान बंद भी हो सकता है. एयरफ्लो में बदलाव से भी प्‍लेन का ऊपर उठना बंद हो सकता है. यहां एक और संभावना यह भी बन सकती है कि जरूरत से ज्‍यादा स्‍पीड के चलते भी एक्सिअल कम्‍प्रेशर अपनी रोटेश्‍नल स्‍पीड लिमिट को क्रॉस कर जाता है, जिससे टर्बाइन ब्‍लेड और इंजन तहस-नहस हो सकते हैं. ऑपरेटिंग सीलिंग यानि कि वह ऊंचाई जिसके ऊपर प्‍लेन उड़ान नहीं भर सकता पर एक पहलू और होता है जिसे हम कॉफिन कॉर्नर (आधिकारिक तौर पर क्यू कॉर्नर) कहते हैं, जिसे मैक्‍स मैक नंबर के नाम से भी जाना जाता है. यह प्लेन के स्टॉल स्‍पीड के बेहद करीब होता है. इसलिए दोनों के बीच तालमेल के दौरान एयरक्राफ्ट क्रिटिकल मैक नंबर से आगे चला जाए तो विमान स्टॉल हो सकता है. ऐसी स्थिति में इसके विंग्‍स टूट सकते हैं और एयरक्राफ्ट गिर सकता है.
(लेखक एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
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