सम्पादकीय

ब्रितानी जंगी बेड़े के दक्षिणी चीन सागर से गुज़रने को लेकर चीन को लगी मिर्ची

Rani Sahu
30 July 2021 1:13 PM GMT
ब्रितानी जंगी बेड़े के दक्षिणी चीन सागर से गुज़रने को लेकर चीन को लगी मिर्ची
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आज बात करेंगे South China Sea यानि दक्षिणी चीन सागर में ब्रिटेन और चीन के बीच शुरू हुए एक ऐसे विवाद की, जो गंभीर करवट भी ले सकता है

विष्णु शंकर | आज बात करेंगे South China Sea यानि दक्षिणी चीन सागर में ब्रिटेन और चीन के बीच शुरू हुए एक ऐसे विवाद की, जो गंभीर करवट भी ले सकता है. आपको मालूम ही है कि चीन South China Sea के 90 फीसद इलाके को अपना बताता है, जबकि इस क्षेत्र के अन्य देश- वियतनाम, फिलीपीन्स, मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान और ब्रूनेई इस सागर के अलग-अलग हिस्सों पर अपना अधिकार मानते हैं. इस मुद्दे को लेकर चीन और इन देशों में कई बार बहस हुई है और कई बार बात बल प्रयोग की धमकी तक पहुंच गई है. पड़ोस में ही East China Sea में भी चीन, जापान और दक्षिणी कोरिया से इलाकों के अलग-अलग हिस्सों की मिल्कियत को लेकर उलझा हुआ है.

ब्रिटेन का एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अभी अपनी जापान की यात्रा पर निकला है और इसका रूट बरास्ता दक्षिणी चीन सागर से जाता है. कैरियर स्ट्राइक ग्रुप नौसैनिक जंगी जहाज़ों के बेड़े को कहते हैं, जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर के अलावा और जंगी जहाज़ भी एक साथ चलते हैं. इन सबकी भूमिकाएं पहले से तय होती हैं और शांति के समय कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की यात्राओं को ज़रूरत के हिसाब से या दोस्ताना मिशन या शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जाता है.

यह पहला मौका है जब ब्रिटेन ने अपना कैरियर स्ट्राइक ग्रुप इंडो पैसिफिक क्षेत्र में रवाना किया है. इसमें एयरक्राफ्ट कैरियर HMS Queen Elizabeth के अतिरिक्त दो Destroyers और दो Frigates भी हैं. समझा जाता है कि अपनी मंज़िल तक पहुंचने से पहले यह स्ट्राइक ग्रुप भारत, सिंगापुर और दक्षिणी कोरिया में लंगर डालेगा. इस कैरियर ग्रुप का मिशन मित्रदेशों के साथ नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेना है.
चीन का जापान और ब्रिटेन को कड़ा संदेश

चीन की सेना और सरकारी मीडिया, दोनों ने ब्रिटेन को चेताया है कि वह कोई उकसाने वाली कार्रवाई न करे. चीन की National Defence Ministry ने कहा है कि वे नौवहन की आज़ादी का आदर करते हैं, लेकिन विवाद खड़ा करने वाली किसी भी हरकत के सख्त खिलाफ हैं. चीन ने कहा है कि अगर ब्रिटेन और जापान के सैनिकों की वजह से इस इलाके की शांति में ख़लल पड़ती है तो उसकी नौसेना ऐसी हरकत के खिलाफ ज़रूरी क़दम उठाएगी. ग़ौरतलब है कि चीन के सरकारी मीडिया में HMS Queen Elizabeth की यात्रा को लेकर कई रिपोर्ट्स और लेख छप चुके हैं. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र Global Times ने कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में ब्रितानी मौजूदगी का ख़्याल ही खतरनाक है.

ब्रिटेन का चीन के आरोपों पर जवाब
अगर ब्रिटेन इस इलाके में जियोपॉलिटिकल (Geopolitical) महत्व की सैनिक उपस्थिति की कोशिश करता है तो इससे यहां अभी मौजूद हालात प्रभावित होंगे और और अगर चीन को निशाना बना कर कोई हरकत होती है तो फिर ब्रिटेन की हार तय है.
दूसरी तरफ ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने बार-बार यह साफ़ करने की कोशिश की है कि उसका जहाज़ी बेड़ा मित्रदेशों के साथ सैनिक अभ्यास के लिए अंतरराष्ट्रीय सागर में सबसे सीधा रूट ले रहा है. ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वालस ने देश की संसद में अप्रैल में ही साफ़ कर दिया था कि यह जहाज़ी बेड़ा दुनिया के दूसरे छोर पर किसी को उकसाने के लिए नहीं जा रहा है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी साल, अगले कुछ महीनों में, ब्रिटेन इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अपने दो युद्धपोत स्थाई तौर पर तैनात करने जा रहा है. बेन वालस ने जुलाई में ही कुछ दिन पहले कहा कि जैसे-जैसे दुनिया में शक्ति और प्रभाव का झुकाव इंडो पैसिफिक इलाके की तरफ हो रहा है, ब्रिटेन प्रतिबद्ध है कि वह अपने सहयोगी देशों के साथ जनतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और खतरों का मुक़ाबला करने में अपनी भूमिका निभाएगा ताकि ये सभी देश सुरक्षित रहें.
चीन और ब्रिटेन के बीच तनातनी लंबे समय से है
चीन ने बड़ी तेज़ी से अपनी सेना की शक्ति में इज़ाफ़ा किया है. उसकी नज़र पूर्वी एशिया के इलाके में ताइवान पर भी है. चीन ताइवान को अपना ही एक हिस्सा मानता है, और कई बार कह चुका है कि वह ताइवान को चीनी मेनलैंड में मिलाने का इरादा रखता है. चीन के इस रुख से पड़ोसियों के साथ उसके सम्बन्ध ख़राब हुए हैं. फिर, ब्रिटेन के साथ तो हॉन्ग कॉन्ग (Hong Kong) को लेकर वैसे ही चीन की तनातनी लम्बे समय से चल रही है.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के जहाज़ी बेड़े के मिशन पर उसे शुभकामनाएं दी हैं. चीन और ताइवान पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन के जंगी बेड़े का स्वरूप मल्टीनेशनल है. इस पर अमेरिका में बने F35 युद्धक तैनात हैं. यह मिलिट्री सहयोग और गठजोड़ की एक बहुत अच्छी मिसाल है. यह सहयोग सिर्फ South China Sea या चीन तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे बहुत बड़ा है.
साफ़ है अभी तक चीन से ब्रिटेन को खतरा नहीं है. लेकिन यह कैरियर स्ट्राइक ग्रुप सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का अच्छा उदाहरण है क्योंकि किसी भी हालात में, किसी भी तरह के खतरे का मुक़ाबला करने में यह कारगर साबित हो सकता है.


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