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- सऊदी अरब में वैश्विक...

भूपेंद्र सिंह| हाल में सऊदी शासक प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान का एक इंटरव्यू अल-अरबिया चैनल पर आया। इंटरव्यू लेने वाले प्रसिद्ध पत्रकार अब्दुल्ला अल-मुदैफर थे। कुछ अवलोकनकर्ता इसकी अनेक बातों को धरती हिलने जैसी घटना बता रहे हैं। विदित हो कि इधर तीन दशकों से भी अधिक समय से सऊदी अरब पूरे विश्व में बहावी इस्लाम का प्रेरक रहा है। कई मुस्लिम भी मानते हैं कि सऊदी धन से ही भारत के उदारवादी मदरसों में उग्रवादी पाठ भरे गए। यह पूरी प्रक्रिया विश्व में आतंकवाद के फलने-फूलने का बड़ा कारण रही। इस पृष्ठभूमि में नए सऊदी शासक की नीतियां एक बड़ा बदलाव हैं। उक्त इंटरव्यू में एक बार भी इस्लाम शब्द नहीं आया। हालांकि सात बार अल्लाह का नाम और 17 बार प्रोफेट का। कुल दो बार इस्लामी विरासत का उल्लेख हुआ, किंतु अन्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासतों के साथ। इसी में शरीयत का प्रश्न भी उठा। मुदैफर ने सऊदी प्रशासन, संविधान, सार्वजनिक जीवन में शरीयत और वैयक्तिक स्वतंत्रता पर सवाल पूछे।