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- शिक्षण व्यवसाय में...
बदलते समय ने हर पेशे की तरह अध्यापन को भी बदल दिया है। शिक्षक को छात्रों से बहुत गंभीरता से बात करनी चाहिए। इससे छात्र अनुशासित रहते हैं और उनमें आज्ञाकारिता बनी रहती है। छात्रों को हमेशा यह एहसास दिलाना महत्वपूर्ण है कि स्कूल शरारतों के लिए उनकी जगह नहीं है। उन्हें यह भी बताते रहना चाहिए कि उनके हिस्से का काम क्या है और उन्होंने कहां हद पार की है, लेकिन ऐसा करते वक्त आपको उन्हें बुरी तरह डांटने से बचना चाहिए। तीखी डांट से उनके मनोविज्ञान पर असर पड़ता है। शिक्षक को अपनी भावनाओं और क्रोध को नियंत्रित करना आना चाहिए। उच्च शिक्षा में यह व्यवहार बदल जाता है। अधिक से अधिक मैत्रीपूर्ण व्यवहार होना चाहिए। जब छात्रों को लगेगा कि आप उन लोगों में से हैं जो उनकी उम्र और भावनाओं को समझते हैं, तो वे न केवल वही कह पाएंगे जो आप कहते हैं, बल्कि वे उन विषयों में भी रुचि लेंगे जो आप उन्हें पढ़ाते हैं। यदि छात्र कक्षा के अंदर पढ़ाते समय शोर करते हैं तो यह छात्रों से अधिक शिक्षक का दोष है।
अवनि शर्मा
लेखिका हमीरपुर से हैं