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- पाकिस्तान में बदलाव
पाकिस्तान में अंतत: सियासत ने नई करवट ले ली और इमरान सरकार को बहुमत के अभाव में जाना पड़ा। इमरान खान ने अंतिम समय तक खुद को बचाने की कोशिश की। सहानुभूति का लाभ लेने या माहौल के बदलने का इंतजार किया, लेकिन विपक्ष के अड़ने से जब हर चाल व उम्मीद नाकाम हुई, तब रविवार को 174 मतों के साथ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। वह इस तरह रुखसत होने वाले अपने देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। वह चूंकि अपनी पूरी फजीहत कराकर रुखसत हुए हैं, इसलिए उन्हें आने वाले दिनों में सियासी मोर्चे के साथ-साथ प्रशासनिक मोर्चे पर भी खूब संघर्ष करना पड़ेगा। उनके विदेश जाने पर एक तरह से रोक लग गई है और उन्होंने अपनी कमजोरियों की वजह से अपने विरोधियों को मौका दे दिया है। दरअसल, जब आप लोकतांत्रिक और सांविधानिक संस्थाओं पर विश्वास करते हैं, तब ये संस्थाएं भी आप पर विश्वास करती हैं और मजबूती देती हैं। लेकिन जिस तरह इमरान ने खुद को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया है, अदालत के आदेश के बावजूद संसद से बचने की अंतिम समय तक कोशिश की है, उससे उन्होंने खुद अपने लिए कांटे बिछा लिए हैं।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान