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- रूस-यूक्रेन युद्ध...
जब पिछले साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब सभी को यह लग रहा था कि बहुत जल्दी युद्ध खत्म हो जायेगा और रूस को जीत हासिल हो जायेगी. ऐसा सोचना स्वाभाविक भी था, क्योंकि दोनों देशों की सैन्य क्षमता में भारी अंतर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यूक्रेन के लोगों और सेना ने बहुत हिम्मत दिखायी तथा वे रूस के विरुद्ध अभी भी डटे हुए हैं. यूक्रेन को नाटो के देशों से लगातार मदद मिलती रही है. यह लड़ाई मुख्य रूप से यूक्रेन के उन्हीं इलाकों में चल रही है, जहां अधिकतर रूसी मूल के और रूसी भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं. इन क्षेत्रों को रूस ने अपना इलाका घोषित करते हुए अपने में मिला लिया है. ये क्षेत्र यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से हैं. रूस ने क्रीमिया को कई साल पहले ही अपने में मिला लिया था. नाटो समूह की भी लगातार कोशिश यह रही है कि भले ही वे यूक्रेन को सैनिक मदद देते रहें, लेकिन उनका और रूस का सीधा टकराव न हो जाये. नाटो की यह मदद आगे भी जारी रहेगी. कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन का दौरा किया है. पश्चिम के विभिन्न नेता भी यूक्रेन जाते रहे हैं तथा यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी अनेक देशों की यात्रा की है.
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सोर्स: prabhatkhabar