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- चीन को चुनौती
एनबीटी डेस्क संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जो भाषण दिया, वह ऐतिहासिक सिर्फ इसलिए नहीं है कि उसमें अफगानिस्तान, आतंकवाद और कोरोना जैसी चुनौतियों पर बड़ी स्पष्टता और उतनी ही गंभीरता से भारत का पक्ष रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की अहमियत इस बात में है कि छोटे मसलों में उलझने के बजाय इसमें बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरणों से उभरी चुनौतियों को रेखांकित करने की कोशिश की गई और इससे भी बड़ी बात यह कि इन चुनौतियों के पीछे छिपे अवसर को पहचानते हुए उसका उपयुक्त इस्तेमाल करने की दूरदर्शिता दिखाई गई है। यह अकारण नहीं है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में चित्रित करते हुए वैश्विक बिरादरी को याद दिलाया कि हमारे देश में लोकतंत्र की हजारों वर्षों की परंपरा है।