- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- धनतेरस कुछ इस...
x
दीपावली पर्व का आरंभ धनतेरस से माना जाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस आरंभ को धन और आरोग्य से जोड़ा है
पं. विजयशंकर मेहता दीपावली पर्व का आरंभ धनतेरस से माना जाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस आरंभ को धन और आरोग्य से जोड़ा है। देखा जाए तो हमारा सबसे बड़ा धन है स्वास्थ्य, और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पैसा भी जरूरी है। यदि हम इन दोनों में समृद्ध हैं, तब दिवाली पर असली प्रकाश उतर पाएगा। आज धनतेरस पर हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि परिवार का हर सदस्य एक-दूसरे के धन और आरोग्य के लिए पूरी ईमानदारी से समर्पित रहेगा।
इसके लिए एक काम यह करिए कि जैसे भीतर से हैं, वैसे ही बाहर से रहें। बाहर की दुनिया में सब चल सकता है, लेकिन कम से कम घर-परिवार में तो प्रतिबिंब का जीवन न जीएं। धनतेरस कुछ इस तरह से मनाएं कि हर सदस्य स्वस्थ रहे, खुश रहे। इसके लिए एक प्रयोग करना चाहिए, परमात्मा से निरंतर जुड़े रहने का। फिर चाहे इसके लिए कर्मकांड करें, या अध्यात्म का सहारा लें।
जब राम लंका से अयोध्या के लिए चलने लगे तो राजा विभीषण से कहा- 'करेहु कल्प भरि राजु तुम्ह मोहि सुमिरेहु मन माहिं।' विभीषण, तुम कल्पभर राज करना और निरंतर मेरा स्मरण करते रहना। यहां राम एक सूत्र दे गए निरंतर प्रभु स्मरण का। अपने हर काम में ईश्वरीय शक्ति का निरंतर स्मरण बनाए रखें। इस 'निरंतर' में ही नियमितता, अनुशासन और योग जुड़ा हुआ है। धन व आरोग्य का महायोग योग से ही आ पाएगा।
Rani Sahu
Next Story