सम्पादकीय

अभी सावधानी जरूरी

Rani Sahu
29 Sep 2021 5:11 PM GMT
अभी सावधानी जरूरी
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कोविड टीकाकरण अभियान के आगे बढ़ने के बीच संक्रमण के नए मामलों में गिरावट की खबर यकीनन राहत पहुंचाने वाली है

कोविड टीकाकरण अभियान के आगे बढ़ने के बीच संक्रमण के नए मामलों में गिरावट की खबर यकीनन राहत पहुंचाने वाली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल बताया कि करीब छह महीने बाद कोविड-19 के नए मामलों की संख्या 20 हजार से नीचे दर्ज की गई है, और अब देश में संक्रमण के कुल सक्रिय मामले भी तीन लाख से कम रह गए हैं। यह खबर इसलिए भी सुकूनदेह है कि जिस केरल में अभी सबसे अधिक मामले रोजाना आ रहे हैं, वहां भी नए मामलों की संख्या पिछले कुछ दिनों से घट रही है। लेकिन शुरू से न्यूनतम संक्रमण वाले क्षेत्रों में शामिल पूर्वोत्तर के मिजोरम से आ रही खबरें चिंता बढ़ाने वाली हैं। महाराष्ट्र और केरल जैसे बड़े प्रदेशों के मुकाबले काफी छोटा मिजोरम आज सर्वाधिक नए मामलों वाले पांच राज्यों में एक है। पिछले कुछ हफ्तों से वहां लगातार मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। विशेषज्ञ आशंका जता चुके हैं कि जिन इलाकों में दूसरी लहर की शुरुआत में कम मामले सामने आए थे, वहां मुमकिन है कि डेल्टा वेरिएंट देर से पहुंचा हो, इसलिए चौकस रहने की जरूरत है।

देश लगभग लॉकडाउन पूर्व की स्थिति में लौट चुका है। कुछ सावधानियों, सीमाओं के साथ तमाम गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं और त्योहारी मौसम की शुरुआत के कारण शहरी बाजारों में भी भीड़ लौटने लगी है। इसके बावजूद नए मामलों में गिरावट संतोष की बात है। लेकिन न तो सरकारों को और न ही नागरिकों को यह भूलना चाहिए कि महामारी अभी हमारे बीच बनी हुई है और विश्व स्वास्थ्य संगठन बार-बार आगाह कर रहा है कि इस पर काबू पाने में अभी लंबा वक्त लगेगा। फिलहाल टीकाकरण के जरिये या पूर्व में संक्रमित हो चुके लोगों के प्रतिरोधी क्षमता अर्जित करने से ही उम्मीदें बांधी जा सकती हैं। चूंकि दुनिया की बहुत बड़ी आबादी तक अभी टीके की पहुंच नहीं बन पाई है, ऐसे में मानव समुदाय को लगातार आशंकाओं के बीच ही जीना होगा। जब तक सभी देशों के अधिकतम नागरिक इस वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधी क्षमता हासिल नहीं कर लेते, हम इस पर नियंत्रण को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकते। इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण की है। दशहरा, दिवाली और छठ जैसे बड़े पर्व-त्योहार सामने हैं, इसलिए हमें इस काम में विशेष तेजी लानी पड़ेगी, क्योंकि पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों की तादाद देश में अब भी काफी कम है। फिर हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि 18 से कम आयु वर्ग की हमारी पूरी आबादी पूर्णत: टीकारहित है। यही नहीं, पिछले नौ महीनों से देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है और अब तक हम सिर्फ पांच दिन एक करोड़ से अधिक लोगों को खुराक दे सके हैं। इनमें से भी दो दिन तो विशेष आयोजन के थे। अमेरिका जैसे देश 65 साल से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर खुराक देने लगे हैं। स्वयं राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को बूस्टर टीका लगवाया। ऐसे में, हमें टीकाकरण अभियान को 'इवेंट मैनेजमेंट' के आकर्षण से निकालकर दैनिक धरातल पर उतारने की जरूरत है। यह अच्छी तरह साफ हो चुका है कि हमारी क्षमता एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजाना टीके लगाने की है। इसलिए तीसरी लहर की आशंकाओं को निर्मूल करने के लिए पूर्ण टीकाकरण की ओर हमें तेजी से बढ़ना होगा।

क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान

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