- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- पृथ्वी की फिक्र
Written by जनसत्ता; सन 1970 से दुनिया भर में 22 अप्रैल का दिन 'विश्व पृथ्वी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पृथ्वी और उसके पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, ताकि पृथ्वी की जैव विविधता और उसके नैसर्गिक स्वरूप को हानिकारक बदलावों से बचाया जा सके।
बहरहाल, दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें तो इस दिवस से परिचित हैं, किंतु अधिकतर आम लोग आज भी इस दिवस और इसके उद्देश्यों के बारे में अनजान हैं। जब इस दिवस के बारे में पूछा गया तो लगभग नब्बे प्रतिशत लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। चौंकाने वाली बात यह थी कि इन लोगों में से अधिकांश को 'वैलेंटाइन डे' के बारे में पता था। ऐसे सभी लोग, जिनसे पृथ्वी दिवस के बारे में पूछा गया था, हाई स्कूल पास या इससे अधिक शिक्षित थे।
वजह साफ है। हम कुछ लोग ऐसे दिवसों के बारे में आपस में चर्चा करके समझ लेते हैं कि हमने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर लिया है। हम भूल जाते हैं कि पंडित सत्यनारायण की कथा केवल पंडितों को सुनाएगा, तो उससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। हम विज्ञान संचारकों को अपने यजमानों में बड़ी संख्या में आम लोगों को शामिल करना होगा। तभी ऐसे दिवस मनाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकता है। धरती और उसके पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी है कि इसमें पूरी दुनिया के लोगों की बड़ी संख्या में सक्रिय भागीदारी हो।