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- अमीरों को आकर्षित करने...
भूपेंद्र सिंह | मेहुल चोकसी जैसे तमाम ठग भारत से पलायन कर भाग गए हैं। सरकार उन्हें पकड़कर लाने और दंडित करने का सही प्रयास कर रही है, लेकिन यह भी ध्यान दें कि भारत से कानूनी दायरे के भीतर अमीरों के पलायन का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अमीरों को एक देश से दूसरे देश पलायन करने में मदद करने वाली सलाहकार कंपनी हेनली एंड पार्टनर्स के अनुसार 2020 में भारत से पलायन करने के इच्छुक अमीरों में 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें भारत में व्याप्त कोविड संकट का असर भी दिखता है, लेकिन कोविड के पहले 2018 में एफ्रो एशिया बैंक की ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू रपट में बताया गया कि 2018 में चीन से 15000, रूस से 7000, भारत से 5000 और तुर्की से 4000 अमीरों ने दूसरे देशों को पलायन किया। इन चार देशों में चीन, रूस और तुर्की में लोकतंत्र नहीं है। माना जा सकता है कि इन देशों से पलायन राजनीतिक घुटन के कारण हुआ होगा, लेकिन लोकतांत्रिक और खुले वातावरण वाले भारत का इस सूची में जुड़ना शुभ संकेत नहीं। विशेष बात यह है कि मारीशस जैसे विकासशील देश में भी सौ से अधिक अमीरों ने पलायन किया है। हम अमीरों को खो रहे हैं, जबकि मारीशस उन्हें हासिल कर रहा है। साफ है कि भारत से अमीरों का पलायन केवल कोविड के कारण नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे और गहरी समस्या है।