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- वेतनवृद्धि का कैनवास
विशेषाधिकार प्राप्त सरकारी कर्मचारी हिमाचल सरकार के वादों और घोषणाओं के मुताबिक, वेतनवृद्धि के कैनवास पर मुस्करा सकते हैं। यहां प्रदेश की ऊर्जा, राजनीति की प्राथमिकता और वित्तीय संसाधन दिल खोलकर करिश्मा दिखा रहे हैं, तो प्रदेश के दो लाख सरकारी कर्मचारी सरकार की नीयत से संधि कर सकते हैं। यानी प्रदेश की एक और सरकार ने चार कदम आगे चलकर कर्मचारियों का वेतन 15 फीसदी तक बढ़ाते हुए उनकी तीन हजार से 25 हजार तक की पगार बढ़ा दी है। पेंशनरों के लिए भी यह वसंत पंद्रह सौ से बारह हजार तक की मासिक आय बढ़ा देगी। यह दीगर है कि न्यू पेंशन स्कीम के खूंटे पर अटके अरमान अभी इस काबिल नहीं कि इस खाई को पाट सकें। आश्चर्य यह कि कर्मचारी फलक पर हर साल चार हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाकर भी हिमाचल राज्य के माथे पर आर्थिक संकट की कोई शिकन नहीं, जबकि दूसरी ओर रोजगार के घटते अवसरों पर सरकारी खजाने के पास कोई मरहम नहीं। दो लाख सरकारी कर्मचारियों पर न्यौछावर राज्य के वित्तीय संसाधनों पर गौर करें, तो यह मात्र तीन फीसदी संख्या पर खर्च हो रहा है। यह अलग बात है कि राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक कर्मचारी संख्या खड़ी करके हिमाचल का रोजगार सरकारी परिपाटी में ही घूम रहा है, जबकि निजी क्षेत्र या स्वरोजगार की तलाश में कई हिमाचल हमारे आसपास घूम रहे हैं।
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