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- न्याय पर बोझ

त्वरित न्याय ही वास्तविक न्याय होता है और त्वरित न्याय के लिए पूरे संसाधन और पर्याप्त न्यायाधीश भी होने चाहिए। अत: अपने देश के प्रधान न्यायाधीश का यह इशारा स्वाभाविक और स्वागतयोग्य है कि न्यायपालिका पर बहुत बोझ है और पर्याप्त संख्या में अदालतें होंगी, तो ही न्याय संभव है। बीते वर्ष से ही देश की सर्वोच्च अदालत में सुनवाइयों के दौरान ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों का मुद्दा उठता रहा है। शीर्ष अदालत की नाराजगी भी सामने आती रही है। यह अपने आप में गंभीर बात है कि देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायपालिका में कमी को लेकर एकाधिक बार अपनी राय रख चुके हैं। प्रधान न्यायाधीश ने शुक्रवार को तेलंगाना स्टेट ज्युडिशियल कॉन्फ्रेंस 2022 को संबोधित करते हुए कहा कि 'न्यायपालिका का बुनियादी ढांचा और रिक्त पदों पर भर्तियां चिंता का मुख्य विषय हैं। न्याय तक पहुंच तभी संभव है, जब हमें पर्याप्त संख्या में अदालतें मिलेंगी।'
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान
