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By: divyahimachal
यह बहुत ऊंची उड़ान है और डबल इंजन सरकार को तसदीक करता ऐसा तोहफा भी, जो हिमाचल के सामथ्र्य को पंख लगा देगा। पिछले काफी समय से लटका 'बल्क ड्रग पार्क' अंतत: हिमाचल की झोली में आ गया। जाहिर है इसकी स्थापना से फार्मा हब की तरह विकसित हुए प्रदेश का अगले चरण में प्रवेश होगा और दवाई उद्योग की मुख्य जरूरत यानी एपीआई की आपूर्ति बिना किसी बाधा और कम खर्चे पर हो पाएगी। ऊना के हरोली क्षेत्र में स्थापित होने जा रहा बल्क ड्रग पार्क, अपनी भूमिका के अक्स में करीब दस हज़ार करोड़ का निवेश करेगा, जबकि इसके माध्यम से बीस हज़ार के करीब युवाओं को रोजगार का समाधान मिलेगा। पिछले काफी समय से बल्क ड्रग पार्क की संभावना को तराशती जयराम ठाकुर सरकार के लिए यह परियोजना एक ऐसी उपलब्धि भी है, जिसका गुणगान आगामी चुनाव की परिभाषा में 'डबल इंजन' को सार्थक बनाएगा। ड्रग पार्क से हिमाचल के औद्योगिक विकास को स्थायित्व मिलेगा और इस लिहाज से फार्मा इकाइयां सदा-सदा के लिए यहां बस जाएंगी। जाहिर है दवाई उद्योग के कई नए अवयव तैयार होंगे और आयातित बोझ से मुक्त होकर न केवल हिमाचल का फार्मा उद्योग आगे बढ़ेगा, बल्कि बल्क ड्रग से राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी अंतर आएगा। ऐसा अनुमान है कि एपीआई उत्पाद में हिमाचल का योगदान पच्चीस से तीस प्रतिशत होगा। दवाई उद्योग की सामग्री तैयार करके यह प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में अपना परिचय सुदृढ़ करते हुए वैश्विक स्तर के अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
जाहिर है बल्क ड्रग पार्क हासिल करने की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अगर हिमाचल सफल हुआ है, तो इसके लिए उद्योग विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों का भी काफी योगदान रहा है। बल्क ड्रग पार्क के साथ मेडिकल डिवाइस पार्क का रास्ता अगर साफ हो जाता है, तो हिमाचल चिकित्सा संबंधी संदर्भों के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त करेगा। ऊना के हरोली में ड्रग पार्क की स्थापना से बीबीएन दवाई उद्योग की क्षमता में उत्थान होगा, लेकिन भविष्य की संभावना में हिमाचल को फार्मा उद्योग के लिए कुछ नए औद्योगिक केंद्र विकसित करने होंगे। काफी वर्षों से काला अंब, परवाणू व ऊना से होते हुए कांगड़ा के जसूर तक औद्योगिक गलियारे की मांग हो रही है ताकि बार्डर तथा मैदानी इलाकों में इस तरह के उद्योगों को विस्तार मिले। इसी तरह मध्य हिमाचल को सॉफट उद्योग यानी आईटी क्षेत्र का इंतजार है। वर्षों बाद भी आईटी पार्क की बुनियाद पर हिमाचल सूचना प्रौद्योगिकी में अपनी क्षमता नहीं दिखा पाया है, जबकि प्रदेश के पास इस उद्योग के लिए मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है। बहरहाल ऊना में बल्क ड्रग पार्क जयराम ठाकुर की सत्ता के लिए तिलक सरीखा है और इससे सरकार के प्रदर्शन में डबल इंजन का महत्त्व बढ़ जाएगा। प्रदेश में पूंजी निवेश की संभावनाओं को लेकर वर्तमान सरकार ने इन्वेस्टर मीट करवाकर जो शुरुआत की थी, उसके संदर्भ में ऐसी परियोजना का श्रीगणेश प्रदेश के भविष्य को जरूर बदलेगा।

Rani Sahu
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