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- बांधिए जो पुल तारीफ
अरुणा कपूर: अगर पूछें कि कोई आपकी प्रशंसा करता है, तो कैसा लगता है? अच्छा लगता है या बुरा? शायद ही कोई कहेगा कि मुझे बुरा लगता है। वैसे प्रशंसा एक मिठाई की तरह है, जो मीठी भी लगती है और अच्छी भी। प्रशंसा कुछ व्यक्तियों के लिए लाभदेह सिद्ध होती है।
समझ लीजिए कि एक विद्यार्थी परीक्षा में सामान्य यानी कि सौ में पचास प्रतिशत अंक प्राप्त करता है। ये अंक ज्यादा नहीं हैं, लेकिन उसे उसके अभिभावक या शिक्षक कहते हैं कि 'तुम्हारा परीक्षा परिणाम अच्छा है। हो सकता है कि इस बार किसी वजह से तुम अभ्यास पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं कर पाए… लेकिन तुम्हारी बुद्धिमत्ता से मैं परिचित हूं।
अगली कक्षा में तुम निश्चित ही प्रथम दस विद्यार्थियों में अपना नाम शामिल करके दिखाओगे।' यह उस विद्यार्थी के लिए की गई प्रशंसा है, जो उसे पढ़ाई में विशेष ध्यान देने के लिए, प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है।