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- घोषणाओं का बजट
बेहतर आर्थिक विकास के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का आम बजट लोकसभा में पेश किया है। यकीनन देश के जीडीपी में विस्तार हुआ है और आर्थिक विकास दर भी तय मानकों से अच्छी है। अर्थव्यवस्था की 8 या 8.5 फीसदी की बढ़ोतरी की स्पष्ट व्याख्या यह है कि देश के हालात बेहतर हैं। इसे 'सक्षम आर्थिक, समग्र कल्याण' का बजट करार दिया गया है, लेकिन निजी उपभोग, खपत, मांग, निवेश और रोज़गार से जुड़े सवाल यथावत रहे हैं। सरकारी व्यय कैसे होगा और राजकोषीय घाटा कब तक जारी रहेगा, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। बेशक वित्त मंत्री ने ज्यादातर सवालों के विस्तृत जवाब नहीं दिए हैं, पहली बार बजट आगामी 25 सालों के 'ब्लूप्रिंट' के तौर पर पेश किया गया है, फिर भी भविष्य को लेकर कुछ महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। सरकार का फोकस बुनियादी ढांचे पर ज्यादा रहा है। आगामी 100 सालों के लिए ढांचागत सुविधाएं देने का दावा किया गया है। बजट में 25,000 किलोमीटर राजमार्ग बनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आगामी 3 साल में 400 नई 'वंदे भारत' टे्रन शुरू की जाएंगी। सिंचाई और पेयजल के लिए पांच नदियों को जोड़ा जाएगा। यकीनन बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा, तो सार्वजनिक निवेश और उसके जरिए निजी उद्योगपतियों की भागीदारी संभव होगी।
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