सम्पादकीय

Budget 2022: मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर दिया ध्यान

Gulabi
2 Feb 2022 10:07 AM GMT
Budget 2022: मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर दिया ध्यान
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देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर दिया ध्यान
कोरोना संकट के बीच आया एक और आम बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये फौरी वाहवाही पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की। यह कदम एक ऐसे समय उठाया गया जब राजनीतिक दृष्टि से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं और उन्हें लघु आम चुनाव की भी संज्ञा दी जा रही है।
यह न केवल सरकार के आत्मविश्वास को प्रकट करता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि उसे यह भरोसा है कि देश की जनता उसकी ओर से उठाए जाने वाले कदमों का अनुमोदन करेगी। नि:संदेह अर्थनीति राजनीति से विरत नहीं हो सकती, लेकिन उसे इसका बंधक भी नहीं बनना चाहिए।
यह सही है कि बजट में मध्य वर्ग को कोई वैसी राहत नहीं मिली जिसकी अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय में भारी-भरकम व्यय करने की योजना बनाई उसके साकार होने से अंतत: आम आदमी को ही लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। अर्थव्यवस्था को गति देने का काम शहरीकरण की उन योजनाओं को आगे बढ़ाने से भी होगा जिनका विवरण बजट में दिया गया है। शहरीकरण को प्राथमिकता देना समय की मांग है और जरूरत भी, क्योंकि आगामी कुछ वर्षो में देश की करीब पचास प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। हमारे शहर न केवल आबादी के बढ़ते बोझ का वहन करने की क्षमता से लैस होने चाहिए, बल्कि उनमें विश्वस्तरीय सुविधाएं भी होनी चाहिए। जैसे जितना जरूरी यह था कि शहरों को संवारने पर ध्यान दिया जाए वैसे ही यह भी कि गांवों को और अधिक उन्नत एवं सुविधासंपन्न बनाया जाए।
बजट रोजगार सृजन की संभावनाओं को भी जगा रहा है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ये संभावनाएं जगी रहें। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी जारी रहने का उल्लेख करते हुए जिस तरह यह रेखांकित किया कि इस मद में 2.37 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है वह यही बताता है कि सरकार ने उस दुष्प्रचार की हवा निकालना आवश्यक समझा जिसके तहत कुछ कथित किसान नेताओं के साथ कई विपक्षी नेता यह झूठ फैलाने में लगे हैं कि यह सरकार एमएसपी खत्म करने का इरादा रखती है। इस पर हैरानी नहीं कि विपक्ष को बजट रास नहीं आया। वह सदैव इसी तरह की नकारात्मक प्रतिक्रिया से लैस दिखता है और यही कारण है कि जनता उसकी आलोचना पर उतना ध्यान नहीं देती जितना उसे देना चाहिए।
दैनिक जागरण
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