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- बीएसएफ का ऑपरेशन...
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार-क्षेत्र बढ़ाया गया है। अब पूर्वोत्तर राज्यों-मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय-के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सरीखे संघशासित क्षेत्रों में बीएसएफ का ऑपरेशन क्षेत्र पूरे राज्य में होगा। यानी सीमा के भीतर पूरी तरह अंदर जाकर बीएसएफ कार्रवाई कर सकता है, जबकि पंजाब, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा से 50 किलोमीटर राज्य के भीतर जाकर बीएसएफ तलाशी और गिरफ्तारी को अंजाम दे सकेगा। उन कार्रवाइयों के लिए अब उसे राज्य पुलिस, प्रशासन और अदालत के साथ समन्वय और अनुमति की बाध्यता नहीं होगी। विपक्ष की प्रतिक्रिया ऐसी ही होती है, लिहाजा पंजाब और बंगाल में भाजपा-विरोधी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस निर्णय को संघीय ढांचे के खिलाफ करार दिया है। पंजाब कांग्रेस की आशंका है कि मोदी सरकार इस निर्णय के जरिए राष्ट्रपति शासन थोपना चाहती है। इस निर्णय के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सलाह भी मानी जा रही है। आकलन यह भी सामने आया है कि आधे पंजाब पर पुलिस के बजाय बीएसएफ का नियंत्रण होगा, लिहाजा इस तरह राज्य सरकार के अधिकार क्षीण होंगे। इसे संवैधानिक तौर पर उचित नहीं माना जा रहा है, क्योंकि संविधान में कानून-व्यवस्था को राज्य सरकार के अधीन का मामला तय किया गया है। संविधान केंद्र सरकार को भी ऐसे संशोधन करने और सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की शक्तियां देता है। अलबत्ता उसे संसद से पारित कराना भी लाजिमी है। मोदी सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला माना है। पंजाब में हालात बेहद असुरक्षित हैं। वहां ड्रोन से हथियारों की आपूर्ति और नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती रही है। संभव है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को पूरी तरह ब्रीफ किया होगा।
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