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- पुदुचेरी में भाई-भाई...
पुदुचेरी में नारायणस्वामी की कांग्रेस सरकार को तो गिरना ही था। सो वह गिर गई लेकिन किरन बेदी को उप-राज्यपाल के पद से अचानक हटा देना सबको आश्चर्यचकित कर गया। उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं था। उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा। उन्होंने किसी केंद्रीय आदेश का उल्लंघन नहीं किया फिर भी उन्हें जो हटाया गया, उसके पीछे ऐसा लगता है कि भाजपा की लंबी राजनीति है। नारायणस्वामी और किरन बेदी पहले दिन से ही मुठभेड़ की मुद्रा में रहे हैं। ऐसा कभी लगा ही नहीं कि एक राज्यपाल और दूसरा मुख्यमंत्री हैं। हर मुद्दे पर उनकी टकराहट के समाचार अखबारों में छाए रहते थे। ऐसा लगता था कि ये दोनों दो विरोधी पार्टियों के नेता हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि नारायणस्वामी पुदुचेरी के मतदाताओं की सहानुभूति अर्जित करते गए। भाजपा और विरोधियों को लगा कि कुछ हफ्तों बाद होनेवाले चुनाव में नारायणस्वामी कहीं बाजी न मार ले जाएं। इसीलिए किरन बेदी को अचानक हटा दिया गया। दूसरी तरफ कांग्रेस में भी अंदरूनी बगावत चल रही थी। 2016 में नारायणस्वामी को कांग्रेस ने अचानक पुदुचेरी का मुख्यमंत्री बना दिया था।