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ब्राह्मण वोट का खेल : छत्तीसगढ़ CM के पिता ने लखनऊ में आपत्तिजनक बयान दिया, गिरफ्तारी रायपुर पुलिस ने की
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| संयम श्रीवास्तव| राजनीति और सत्ता दुनिया में हर रिश्ते से ऊपर होती है. जिस किसी ने भी यह बात कही है बिल्कुल सही कही है. क्योंकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Cm Bhupesh Baghel) ने जिस तरह से अपने बुजुर्ग पिता नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) की गिरफ्तारी करवाई वह तो यही साबित करता है. दरअसल आगामी कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और यहां जातीय समीकरणों को साधने की हर पार्टी भरपूर कोशिश कर रही है. कांग्रेस पार्टी भी इसमें जोर शोर से लगी है. लेकिन भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने लखनऊ में ब्राह्मणों पर दिए एक आपत्तिजनक बयान से यूपी में कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया है. डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने पिता नंद कुमार बघेल की आगरा से गिरफ्तारी करवानी पड़ी.
पर विरोधियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ये गिरफ्तारी कुछ और कारणों से करवाई है. दरअसल यूपी में अगर गिरफ्तारी हो जाती उनके लिए बड़ी मुश्किल हो जाती. कहा जा रहा है कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से थोड़ा सा नाराज चल रहा है. कहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मौके का फायदा न उठा लें इसलिए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तुरंत एक्शन में आ गए. बीजेपी के लिए ब्राह्णमण कम्युनिटी को खुश करने का यह बहुत बढ़िया मौका था. अगर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जरा भी देर किया होता तो यूपी पुलिस गिरफ्तार कर लेती.
पिता को गिरफ्तार करने के लिए क्यों मजबूर हुए भूपेश बघेल
जाहिर सी बात है अगर यूपी की पुलिस नंद कुमार बघेल को गिरफ्तार करती तो उनकी खातिरदारी उस तरह से नहीं होती जैसा कि छत्तीसगढ़ की पुलिस कर रही है. एक वायरल तस्वीर में गिरफ्तार भूपेश बघेल के पिता इंस्पेक्टर की कुर्सी पर बकायदा बैठकर शांति से खाना खाते दिखे जिसे लेकर इंटरनेट पर खूब हंगामा मचा है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने पहली बार ब्राह्मणों के खिलाफ विवादित बयान नहीं दिया है. ऐसे बयान वह कई बार दे चुके हैं. लेकिन पहले कभी भी इस तरह से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. इसलिए इस बार की गिरफ्तारी कई सवाल भी खड़े करती है. दरअसल अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस पार्टी जी जान से जुटी है कि बीजेपी से नाराज ब्राह्मण समुदाय उसके पाले में आ जाए.
ब्राह्मण वोटों के लिए कांग्रेस बेचैन
कांग्रेस में पहले ब्राह्मण नेताओं का वर्चस्व होता था. और ब्राह्णण वोटों पर भी कांग्रेस पार्टी का एकाधिकार होता था. यूपी में गोविंद बल्लभ, सुचेता कृपलानी, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, श्रीपति मिश्र और नारायण दत्त तिवारी जैसे ब्राह्णण मुख्यमंत्रियों की लीगेसी रही है. लेकिन नारायण दत्त तिवारी के बाद कांग्रेस को यूपी में ब्राह्मणों का समर्थन नहीं मिला. दरअसल कांग्रेस के कमजोर होते ही ब्राह्णण वोट बीजेपी की ओर शिफ्ट हो गए. इस बार यूपी में ब्राह्मण समुदाय बीजेपी से कुछ नाराज है, तो कांग्रेस को लगता है कि उसके पुराने दिन लौट सकते हैं अगर यह समुदाय उसके साथ फिर से आ जाए. पर कांग्रेस खुद अब ब्राह्णणों के वर्चस्व वाली पार्टी नहीं रही. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसकी सरकार है पर टॉप लीडर दोनों जगहों पर ब्राह्रण नहीं है. यूपी में भी कांग्रेस के पास कोई ऐसा कद्दावर ब्राह्णण चेहरा नहीं है जो पार्टी के नाम पर इस समुदाय का वोट ला सके.
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मण समुदाय पर अपमानजनक टिप्पणी कर ब्राह्मणों को कांग्रेस के खिलाफ भड़का दिया है. माना जा रहा है कि इसी मामले के डैमेज कंट्रोल के लिए भूपेश बघेल को गांधी परिवार की ओर से सीधा निर्देश था कि वह या तो अपने पिता को इस तरह के बयानों को देने से रोकें या उन्हें गिरफ्तार करें. और भूपेश बघेल ने ठीक वैसा ही किया. रायपुर में पहले उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई गई और फिर उन्हें आगरा से गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया. जिसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पहले भी ब्राह्मणों को लेकर जहर उगल चुके हैं नंद कुमार बघेल
नंद कुमार बघेल शुरू से ब्राह्मण विरोधी राजनीति करते आए हैं. अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं. इस बार अपने बयान में उन्होंने ब्राह्मण समाज को विदेशी बताया है. इससे पहले 2019 में दिल्ली में एक समारोह के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बस्तर में तैनात सभी ब्राह्मण अफसरों और कर्मचारियों को टर्मिनेट कर देना चाहिए.
एक बार तो भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने दशहरे के दिन रावण की पूजा की थी और सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम में उन्होंने महिषासुर और मेघनाथ का शहादत दिवस मनाया था. छत्तीसगढ़ में खुद को पिछड़े और आदिवासियों का नेता बताने वाले नंद कुमार मांग कर चुके हैं कि छत्तीसगढ़ से तमाम उच्च वर्ग के लोगों को गिन-गिन कर दफ्तरों से निकाला जाए और वहां आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के बच्चों को नौकरी दी जाए.
पिता की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को लेकर भूपेश बघेल की हो रही है किरकिरी
पिता नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी को लेकर भूपेश बघेल का कहना है कि एक पुत्र होने के नाते वह अपने पिता का सम्मान करते हैं. लेकिन एक मुख्यमंत्री होने के नाते उनका यह फर्ज भी है कि अगर कोई गलत करता है तो उसे दंड भी मिलना चाहिए. हालांकि ट्विटर पर भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह इंस्पेक्टर की कुर्सी पर बैठकर बकायदा खाना खाते नजर आ रहे हैं. जिसे देखकर टि्वटर यूजर्स कह रहे हैं कि क्या रायपुर पुलिस सभी कैदियों के साथ इसी तरह का बर्ताव करती है या मुख्यमंत्री का पिता होने के नाते उन्हें यह खास सुविधा दी जा रही है.