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अपने ससुराल, भारत की यात्रा पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson visit to India) आए हैं
विवेक शुक्ला
अपने ससुराल, भारत की यात्रा पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson visit to India) आए हैं. वे अपने को भारत का दामाद कहने में फख्र महसूस करते हैं. वे अलग किस्म के दामाद हैं. उनकी (दूसरी तलाकशुदा) पत्नी मारिना व्हीलर की मां सरदारनी दीप सिंह कौर भारतीय थीं. सरदारनी दीप सिंह कौर की पहली शादी नई दिल्ली के नामवर ठेकेदार सर सोबा सिंह के पुत्र सरदार दलजीत सिंह से हुई थी. सोबा सिंह के चार पुत्र थे.
उनमें से एक खुशवंत सिंह (Khushwant Singh) भी थे. वहीं सोबा सिंह, जिनके लिए कहा जाता था कि, वे आधी दिल्ली (Delhi) के मालिक हैं. तो इस लिहाज से बोरिस जॉनसन का अपने खुशवंत सिंह जी से भी संबंध बनता है. खुशवंत सिंह के छोटे भाई थे दलजीत सिंह. दीप सिंह कौर अब भी जीवित हैं. उन्होंने बाद में एक ब्रिटिश नागरिक से शादी कर ली थी.
बोरिस जॉनसन जाएंगे सुजान सिंह पार्क?
अब ये देखने वाली बात है कि क्या बोरिस जॉनसन दिल्ली में अपनी पूर्व पत्नी मारिना के परिवार से मिलेंगे? बोरिस जॉनसन और मारिना में लगभग ढाई दशकों तक साथ-साथ रहने के बाद तलाक हो गया था. दोनों के चार बच्चे भी हैं. बोरिस जॉनसन भारत पहले भी कई बार आते रहे हैं और उनके मारिना के मायके से ठीक-ठाक संबंध हैं. मारिना का मायका जी-74 सुजान सिंह पार्क में है. वहीं तो दलजीत सिंह का परिवार रहता है. वहां पर सोबा सिंह के चारों पुत्रों के बच्चे अपने परिवारों के साथ रहते हैं. बोरिस जॉनसन को यहां पर आकर अच्छा लगेगा. सुजान सिंह पार्क के लिए यह साल खास है. सुजान सिंह पार्क इस साल 75 साल का हो गया है. यहां पर एक शिलालेख पर लिखा है- सुजान सिंह पार्क-1945.
कभी पत्रकार थे जॉनसन
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटूट प्रशंसक जॉनसन सियासत में आने से पहले पत्रकार थे. उनका तीस-वर्षीय पत्रकारी जीवन काफी दिलचस्प रहा. प्रशिक्षुवाली शुरुआत तो उन्होंने स्कूली पत्रिका दि ईटन कॉलेज क्रोनिकल के संपादक के रूप में 1981 में की थी. ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय छात्र यूनियन के अध्यक्ष के काल में वे व्यंग्य पत्रिका दि ट्रिब्यूटरी के प्रधान संपादक बने. जाने-माने लेखक के. विक्रम राव बताते हैं कि जॉनसन जब प्रतिष्ठित लन्दन टाइम्स (1987) में कार्यरत थे तो एक खोजी लेख लिखा था, जो राजा एडवर्ड द्वितीय के पुरातन महल के बारे में था. जॉनसन ने उसमें कल्पित तथ्य लिखे, जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. फिर वे दैनिक टेलीग्राफ से जुड़े. वे राजधानी ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में उसके ब्यूरो प्रमुख नियुक्त हुए. यहां भी वे करतब दिखाने से बाज नहीं आए. यूरोपीय आयोग की तीव्र आलोचना में उन्होंने कई विवादित रिपोर्ट भेजी जो छपी भी थी. इनकी समीक्षा कर वरिष्ठ संपादक क्रिश पैटन ने जॉनसन को फर्जी पत्रकारिता का महानतम रचयिता बताया.
अंतरंग संबंध बनाने में माहिर
पत्रकार रहते जॉनसन ने अपनी पत्रकार महिला साथियों के साथ अंतरंग संबंध बनाए. ये सर्व विदित थे. विक्रम राव कहते हैं कि इसलिए ही उन्होंने काफी प्रसिद्धि पाई. कुछ नाम जो उस समय चले उनमें खास थे पेट्रोनेल्ला वैय्याट और एन्ना फजकर्ली का. इन रूमानी संबंधों पर नाटकों का मंचन भी हुआ और मीडिया में व्यंग्यात्मक लेख भी छपे. उनकी महिला मित्र हेलेन मेकेंटायर को तो अविवाहित मातृत्व भी मिला. उनके प्रशंसकों ने जॉनसन की चुम्बकीय प्रतिभा पर काफी लिखा भी. उनकी भूरी लहराती जुल्फें, बिखरे, रूखे बाल, स्वर्णिम कपोल और गहरी नीली आंखें तुरंत ध्यान खींचती हैं.
दामाद के लिए कितना तैयार उनका ससुराल
खैर, आज गुरुवार को सुजान सिंह पार्क से गुजरते यह नहीं लगा कि यह अपने दामाद के स्वागत के लिए तैयार है. सुजान सिंह पार्क को सरदार सोबा सिह ने अपने पिता के नाम पर बनवाया था. इसे राजधानी का पहला मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट माना जा सकता है. ये उस दौर में बना था जब राजधानी में जमीन की न तो किल्लत थी और ना ही फ्लैट संस्कृति आई थी. जरा इसके अंदर जाकर देखिए. वाल्टर स्काइयज जॉर्ज ने इसका लाजवाब डिजाइन बनाया है. इधर कमरों की छतें 18 फीट ऊंची हैं. हरेक में सन लाइट आती है. सुजान सिंह पार्क में कुल सात ब्लाक हैं. हरेक ब्लाक में 12 फ्लैट हैं. इधर सेवकों के लिए भी फ्लैट हैं. इधर आजादी से पहले एक ब्लाक में सिर्फ गोरे रहते थे, जिनके परिवार यहां नहीं थे. बाद में यही ब्लॉक एम्बैसेडर होटल कहलाया.
बोरिस जॉनसन अपनी दिल्ली यात्रा के समय राष्ट्रपति भवन के आसपास से भी गुजरेंगे. वे राष्ट्रपति भवन के विस्मयकारी वास्तुकला से अवश्य प्रभावित होंगे. उन्हें यह तो पता ही होगा कि राष्ट्रपति भवन पहले ब्रिटिश वायसराय का निवास स्थान था और इसके वास्तुकार एडविन लैंडसीयर लुटियंस थे. इस इमारत का निर्माण भारत में ब्रिटेन के वायसराय आवास के लिए किया गया था. क्या उन्हें पता है कि भारत के राष्ट्रपति भवन को खड़ा करने में उनकी पूर्व पत्नी के ससुराल की भूमिका रही थी? इसके ठेकेदार सरदार सोबा सिंह थे. यानी यहां भी उनके पुराने ससुराल वालों की मौजदूगी है.
क्या खरीदें कनॉट प्लेस से
अगर वे अपने घर के लिए कुछ खास लेकर जाना चाहते हैं. तो सोबा सिंह के बनाए कनॉट प्लेस के रीगल ब्लॉक की द शॉप में जाना ना भूले. ये बुटीक सोबा सिंह के पौत्र परमिंदर सिंह पम्मी चलाते है. ये सोबा सिंह के जीवनकाल में चालू हो गया था. इधर बोरिस जॉनसन को डिस्काउंट के साथ बेड शीट, तकिए के कवर, गिफ्ट आइटम, घर में सजाने का सामान वगैरह मिल सकते हैं.
Rani Sahu
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