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बॉलीवुड कलाकारों
कुछ दिन पहले ही हॉलीवुड की महानतम एक्शन फिल्मों में शुमार "द-मैट्रिक्स" के चौथे भाग का ट्रेलर लॉन्च हुआ। दुनियाभर में मैट्रिक्स फ्रेंचाइज के प्रशंसक इस ट्रेलर का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन भारत में इसके बेसब्र इंतजार की एक अलग ही वजह थी। और वो वजह थीं प्रियंका चोपड़ा। ये तो सबको पता है कि अब प्रियंका की वरीयता सूची में हॉलीवुड सबसे ऊपर हैं और वो पिछले कुछ सालों से हॉलीवुड में लगातार नजर आ रही हैं। क्वांटिको और बेवॉच जैसे प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर प्रियंका ने साफ कर दिया था कि वो हॉलीवुड में लंबी पारी खेलने गई हैं।
दरअसल, प्रियंका की मैट्रिक्स जैसी महान फिल्म से जुड़ने की खबर भारतीय प्रशंसकों के लिए बेहद उत्साहवर्धक थी। लेकिन ट्रेलर देखकर प्रशंसकों को थोड़ी निराशा जरूर हुई।
ट्रेलर में प्रियंका की बस एक झलक भर दिखी है। तो क्या ये हो हल्ला इस छोटी सी भूमिका के लिए था? वैसे भी बॉलीवुड कलाकारों का हालीवुड में जाकर छोटे-मोटे रोल कर के खुश हो जाना कोई नई बात नहीं।
अनिल कपूर का भी यही किस्सा
साल 2010 की बात है। स्लमडॉग मिलेनियर में काम कर के अभिनेता अनिल कपूर अंतराष्ट्रीय फलक पर अपनी उपस्थित दर्ज करा चुके थे। स्लमडॉग मिलेनियर में काम करने से पहले अनिल कपूर बतौर सोलो हीरो बॉलीवुड द्वारा लगभग हाशिए पर धकेल दिए गए थे। लेकिन स्लमडॉग मिलेनियर के बाद तो जैसे अनिल कपूर के दिन फिर गए थे। बॉलीवुड ने उन्हें फिर से याद किया। लेकिन अनिल कपूर की महत्वाकांक्षा को मानों पर लग गए हों। अब बॉलीवुड उनकी प्राथमिकता में एक पायदान नीचे चला गया था। उनकी महत्वकांक्षा का नया पड़ाव हॉलीवुड था।
हॉलीवुड के रंग में नए-नए रंगे अनिल कपूर लगभग हर मंच से हॉलीवुड की शान में कसीदे पढ़ने लगे और बॉलीवुड को उसकी तुलना में कमतर बताने लगे। अति आत्मविश्वास से भरे अनिल कपूर का उस समय लोग दबे-छुपे मजाक भी बनाने लगे, लेकिन चूंकि अनिल अभी ताजा-ताजा अंतरराष्ट्रीय सितारे बने थे इसलिए मुंह पर बोलने की हिम्मत किसी को नहीं थी।
लेकिन अभी बात बाकी थी। खबर आई कि हॉलीवुड की मशहूर फिल्म मिशन इंपॉसिबल के चौथे भाग में अनिल सुपर स्टार टॉम क्रूज़ के साथ पर्दा साझा करेंगे। ये खबर मानों अनिल कपूर के अंतराष्ट्रीय स्टार बनने के प्रमाण-पत्र पर मुहर हो। मीडिया में अनिल कपूर की जय-जयकार होने लगी। अनिल कपूर खुद को अंतरराष्ट्रीय और बॉलीवुड के बाकी सितारों को लोकल स्टार बताने लगे। इन्हीं सब के बीच मिशन इंपॉसिबल 4 का ट्रेलर जोर-शोर से लॉन्च हुआ मगर ये क्या? पूरे ट्रेलर में अनिल कपूर की बस एक झलक भर दिखाई दी। यही नहीं कुछ लोगों को तो अनिल कपूर को ढूंढने के लिए ट्रेलर दोबारा देखना पड़ा तब जाकर अनिल कपूर बमुश्किल नजर आए।
अनिल कपूर के समर्थकों ने अनिल का बचाव करते हुए कहा-
मिशन इंपॉसिबल एक जासूसी फिल्म है इसलिए अनिल कपूर के किरदार को ट्रेलर में खुल कर नहीं दिखाया गया। इससे कहानी खुल जाने का जोखिम था इंतजार कीजिए फिल्म में कपूर की भूमिका दमदार है। लोगों को ये तर्क वाजिब लगा और उन्होंने फिल्म रिलीज होने तक आलोचनाओं को एक विराम देने का निर्णय लिया। लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद आलोचनाओं को और धार मिल गई।
फिल्म में अनिल कपूर का रोल इतना छोटा था कि पॉपकॉर्न खरीदने गए लोगों को भनक भी नहीं लगी कि फिल्म में अनिल कपूर भी थे। लोगों ने यहां तक बोल डाला कि हॉलीवुड की खुमारी सर पर लिए अनिल कपूर हॉलीवुड के मैकमोहन बनने की राह पर हैं। तो क्या अनिल कपूर को पता नहीं था कि उनकी भूमिका कितनी छोटी और गैर जरूरी है? क्या निर्माताओं ने उन्हें अंधेरे में रखा था? हालांकि अनिल कपूर ने इस तरह का कोई बयान कभी दिया नहीं कि उनके रोल के साथ छेड़-छाड़ की गई है।
तो मतलब साफ है कि अनिल कपूर को अपने किरदार के बारे में पहले से ही पता था। तो फिल्म रिलीज होने से पहले वो अतिआत्मविश्वास भरी वो बयानबाजी किसलिए थी?
मल्लिका शेरावत का कि़स्सा भी अलग नहीं
मल्लिका शेरावत का कि़स्सा भी अनिल कपूर से अलग नही है। फिल्म मर्डर के बाद मल्लिका शेरावत बॉलीवुड की नई सनसनी बन कर उभरी थीं। अपनी बोल्ड छवि उन्होने जमकर भुनाया। मर्डर के बाद कहीं से उनके हाथ जैकी चैन की फिल्म द मिथ हाथ लग गई। बोल्ड छवि वाली मल्लिका अब और भी बोल्ड नजर आने लगीं। अंतराष्ट्रीय सितारों के साथ उनकी तस्वीरें अखबारों के पन्नों पर लगभग रोज ही छपने लगीं। मल्लिका शेरावत बॉलीवुड बी ग्रेड फिल्मों की कैद से आजाद होकर अब एक स्वघोषित अंतराष्ट्रीय शख्सियत बन चुकी थीं।
इसी दौरान द मिथ प्रदर्शित हो गई। फिल्म में मल्लिका का कुल जमा साढ़े सात मिनट की भूमिका थी। फिर क्या था? मल्लिका का जमकर मजाक उड़ा। लेकिन मल्लिका तो खुद को हॉलीवुड स्टार मान चुकी थीं। इच्छाधारी नाग-नागिन के घिसे -पिटे विषय पर बनी फिल्म हिस्स का हिस्सा बनकर मल्लिका शेरावत खुद बॉलीवुड से परे बताने लगी थीं। दर्शकों ने भी खूब मजे लिए कि अजीबोगरीब कथानक और हास्यास्पद स्पेशल एफेक्ट्स से सजी इस फिल्म के दम पर ही मल्लिका अपने आपको हॉलीवुड की अगली सुपरस्टार समझ रही थीं।
मल्लिका और अनिल कपूर सिर्फ दो ऐसे उदाहरण नहीं हैं। हॉलीवुड को लेकर हमारे देसी कलाकारों में एक अलग मूर्खतापूर्ण किस्म का जुनून दिखता है। सच तो ये है कि बॉलीवुड के कलाकार हॉलीवुड को लेकर हमेशा से ही मनोग्रहित रहे हैं। हॉलीवुड का ये सम्मोहन पाश इतना मजबूत है कि बॉलीवुड में काम करने को लेकर तरह-तरह के नखरे दिखाने वाले यह कलाकार हॉलीवुड में बिना किसी संकोच महत्वहीन भूमिकाएं करने को तैयार हो जाते हैं। और हंसी तब आती है जब ये कलाकार इन महत्वहीन भूमिकाओं के दम पर अपने आप को अंतरराष्ट्रीय स्टार मान बैठते हैं। ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड के कलाकारों ने हॉलीवुड में अच्छी भूमिकाएं नहीं की हैं।
इरफान खान अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह जैसे कई कलाकार हैं जिन्होंने सात समंदर पार अपनी अभिनय क्षमता का जौहर दिखाया। शाहरुख खान जैसे कलाकारों में तो हॉलीवुड के जाने-माने निर्माताओं ने दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन शाहरुख और अमिताभ जैसे कलाकारों ने कई बार साफतौर कहा है कि यदि हॉलीवुड में भी उतनी ही दमदार भूमिका मिलती है जितनी की वो बॉलीवुड में करते आए हैं तो ही वो हॉलीवुड में दिलचस्पी दिखाएंगे। लेकिन शायद बॉलीवुड के बाकी कलाकार खान और अमिताभ से इतर सोच रखते हैं।
हॉलीवुड से उनका ये उनका बेसिर पैर का लगाव हॉलीवुड में उन्हें क्या ही स्टार बनाती है बल्कि बॉलीवुड में भी उनका कैरियर को दो राहे पर खड़ा कर देता है। कबीर बेदी से लेकर मल्लिका शेरावत तक इसका जीवंत उदाहरण हैं। अपनी कलाकारी के जौहर बॉलीवुड में शिद्दत से दिखाएं हॉलीवुड खुद चलकर आएगा दरवाजे तक।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए जनता से रिश्ता उत्तरदायी नहीं
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