सम्पादकीय

ब्लॉग: राजस्थान कांग्रेस का बवंडर सचिन पायलट का पार्टी में भविष्य भी तय कर देगा!

Rani Sahu
28 Sep 2022 5:45 PM GMT
ब्लॉग: राजस्थान कांग्रेस का बवंडर सचिन पायलट का पार्टी में भविष्य भी तय कर देगा!
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By लोकमत समाचार सम्पादकीय
राजस्थान में उभरे संकट की कल्पना कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में से किसी को नहीं रही होगी. कांग्रेस तो छोड़िए बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को भी रत्ती भर आशंका नहीं थी कि सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को विद्रोह के इतने बड़े बवंडर में परिणत कर देंगे.
पूरे घटनाक्रम का अंत जैसे भी हो, वह न सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और उनके निकटतम लोगों के अनुसार होगा और न कांग्रेस के हित में ही. कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि किसी भी संकट, चुनौती या समस्या के समाधान की उसकी कोशिश नए संकट, समस्या और चुनौती में परिणत हो जाती है.
इसमें दो राय नहीं कि यह संपूर्ण घटनाक्रम अशोक गहलोत के द्वारा तैयार किया गया है. अशोक गहलोत को लगा कि राजस्थान से बाहर निकलने के बाद उनके लिए प्रदेश में अपनी धाक बनाए रखना संभव नहीं होगा. एक बार अगर नेतृत्व सचिन पायलट के हाथों गया तो उनकी वापसी मुश्किल होगी. दूसरे, उन्हें यह भी पता है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस समय कांग्रेस प्रभावी पार्टी के रूप में खड़ी नहीं हो सकती. वह एक अनुभवी राजनेता हैं और देश के राजनीतिक वातावरण को बेहतर तरीके से समझते हैं.
इस समय संकट का जो भी समाधान निकाला जाए, वह स्थाई नहीं हो सकता. अगर सचिन पायलट तत्काल मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो उनके सामने स्पष्ट हो जाएगा कि अब राजनीति के लिए दूसरी दिशा लेनी पड़ेगी. वे क्या निर्णय करेंगे, यह भले भविष्य के गर्त में हो लेकिन कांग्रेस की इस धारा में उनके लिए आगे चलना कठिन होगा.
इस घटना को अगर पार्टी चेतावनी के रूप में ले तो कांग्रेस के अंदर सुधार की थोड़ी गुंजाइश बन सकती है, पर इसकी संभावना अभी दिख नहीं रही है.
Rani Sahu

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