- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- टैक्स हैवन्स देशों में...

हाल ही में पैंडोरा पेपर्स के संबंध में मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) ने अपनी पहली बैठक आयोजित करके जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख जेबी महापात्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रिजर्व बैंक और वित्तीय इंटेलीजेंस यूनिट के अधिकारी शामिल हुए। इसमें तय किया गया कि खोजी पत्रकारों के समूह द्वारा और नाम जारी किए जाते ही जांच तेज की जाएगी। भारतीय और भारतीय कंपनियों को लेकर संबंधित देशों से सूचना मांगी जाएगी। गौरतलब है कि इन दिनों पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों के द्वारा इंटरनेशनल कॉसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्टस (आईसीआईजे) के द्वारा हाल ही में प्रकाशित पैंडोरा पेपर्स रिपोर्ट को गंभीरतापूर्वक पढ़ा जा रहा है। यह पैंडोरा पेपर्स रिपोर्ट लगभग 1.2 करोड़ दस्तावेज़ों का एक ऐसी पड़ताल है, जिसे 117 देशों के 600 खोजी पत्रकारों की मदद से तैयार किया गया है। इस पड़ताल में पाया गया है कि भारत सहित दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों के बड़े नेताओं, अरबपतियों और मशहूर हस्तियों ने विदेशों में धन बचाने और अपने काले धन के गोपनीय निवेश के लिए किस तरह टैक्स पनाहगाह देशों ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, सेशेल्स, हांगकांग और बेलीज आदि में छुपाकर सुरक्षित किया हुआ है। इस रिपोर्ट में 300 से अधिक भारतीयों के नाम भी शामिल हैं। इनमें अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, सचिन तेंडुलकर, जैकी श्राफ, करण मजूमदार, नीरा राडिया, सतीश शर्मा आदि शामिल हैं। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017 में पैराडाइज़ पेपर्स के तहत 1.34 करोड़ से अधिक गोपनीय इलेक्ट्रानिक दस्तावेजों के माध्यम से 70 लाख लोन समझौते, वित्तीय विवरण, ई-मेल और ट्रस्ट डीड लीक किए थे। इनमें 714 भारतीयों के नाम उजागर हुए थे। इसके पहले वर्ष 2016 में पनामा पेपर्स के तहत 1 करोड़ 15 लाख संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज लीक किए थे।
