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- बेतुका आरोप: दुष्कर्म...
राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं को यह सामान्य समझ होनी ही चाहिए कि किसी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करना अनुचित है। ऐसा किया जाना किशोर न्याय अधिनियम के साथ-साथ जिस पाक्सो अधिनियम के तहत भी अनुचित है, वह तब बना था, जब केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसियों को यह भी पता होना चाहिए कि किसी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में पहली बार कार्रवाई नहीं की गई। ऐसा पहले भी किया जा चुका है और यदि कांग्रेसजन इससे अनभिज्ञ हैं तो यह उनकी नादानी ही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली में दुष्कर्म की शिकार एक बच्ची के स्वजन की फोटो ट्वीट कर राहुल गांधी ने गलती की। कायदे से इस ओर ध्यान दिलाए जाने पर उन्हेंं अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी। कोई नहीं जानता कि उन्होंने गलती मानने के बजाय उस पर अड़ना क्यों बेहतर समझा? उनके अड़ियल रवैये के चलते ट्विटर के समक्ष उनके अकाउंट को लाक करने के अलावा और कोई उपाय नहीं रह गया था। उसने ऐसा ही किया। इसी के साथ पता नहीं कैसे कांग्रेसी नेताओं को यह आभास हो गया कि यह राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा जताने का सही समय है? उन्होंने दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के स्वजन की उसी फोटो के साथ धड़ाधड़ ट्वीट करने शुरू कर दिए। इसे हद दर्जे की चाटुकारिता और निम्न स्तर की मूर्खता के अलावा और कुछ कहना कठिन है।