सम्पादकीय

जन्मदिन हो तो ऐसा

Subhi
19 Sep 2021 2:45 AM GMT
जन्मदिन हो तो ऐसा
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हर आम आदमी या खास आदमी खास मौके पर कुछ न कुछ करने का संकल्प लेता है, जो देश चला रहा हो, देश की नजर में नरेन्द्र मोदी के रूप में वह प्रधानमंत्री हैं लेकिन वह खुद को लोगों का सेवक अर्थात् लोकसेवक कहकर चलते हैं

हर आम आदमी या खास आदमी खास मौके पर कुछ न कुछ करने का संकल्प लेता है, जो देश चला रहा हो, देश की नजर में नरेन्द्र मोदी के रूप में वह प्रधानमंत्री हैं लेकिन वह खुद को लोगों का सेवक अर्थात् लोकसेवक कहकर चलते हैं तो नरेन्द्र दामोदर मोदी को जन्मदिन की बहुत-बहुत मुबारकबाद। इस मुबारकबाद की महक इसलिए भी बढ़ जाती है कि पूरा देश इसे बड़ी सादगी और संकल्प के साथ एक मिशन के तौर पर मनाते हुए आगे बढ़ रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग में अगर एक दिन में 2.50 करोड़ वैक्सीनेशन सम्पूर्ण हो जाती हैं तो इसे एक उप​लब्धि कहा जाना चाहिए। किसी भी हस्ती के जन्मदिन पर जब आप कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए लड़ाई के लिए कूद पड़ते हैं और यह जंग सामूहिक तौर पर देश लड़ता है तो फिर इस उपलब्धि पर देश को गर्व करना चाहिए। ऐसे सेवा एवं समर्पण दिवस पर देशवासी नाज कर रहे हैं और देशभर में इस मौके पर पीएम मोदी की दीर्घायु की कामना की गई।जिस कोरोना ने देश और दुनिया को हिलाकर रख दिया उसकी कीमत भारत ने भी बहुत ज्यादा चुकाई है। लेकिन हमारा देश चुनौतियों से लड़ना जानता है तभी हम हर चुनौती पर विजय पा रहे हैं। वरना कोई भी व्यक्ति जन्मदिन मनाता है तो उस दिन अपने प्रियजनों के साथ जश्न मना कर आगे बढ़ता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री के जन्मदिवस को एक मिशन से जोड़कर कोरोना से लड़ाई को ज्यादा कारगर बनाया हो, तीसरी लहर के खतरे को भांप कर 8 लाख से ज्यादा स्वयंसेवी तैयार किए हों और देश में एक ही दिन में इतने बड़े पैमाने पर ​​टीकाकरण हो जाए तो फिर जन्मदिन भी सार्थक बन जाता है। आज देश में हालात ऐसे हैं कि कोई भी क्षेत्र कोरोना की मार से अछूता नहीं रहा। लेकिन फिर भी देश आगे बढ़ रहा है। हर व्यक्ति, परिवार, समाज, राज्य या देश की पहचान उसके सामने आने वाली चुनौती के समय ही होती है। कोरोना महामारी का असर अब भी बरकरार है। ऐसे में भारत जूझ रहा है और देश के प्रधानमंत्री और उनकी टीम बराबर इसके खिलाफ अभियान चला रहे हैं। लाकडाउन हो या फिर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क हो, देश में सबकुछ एक अभियान की तरह चला। जन्मदिन के मौके पर अभियान की कीमत और महत्व और भी बढ़ जाता है। याद करो कि किस तरह से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान कितनी तेजी से आगे बढ़ा लोगों को इसका महत्व पता चलने लगा। इसका परिणाम सबके सामने है। बेटियां तरक्की की पगडंडी पर चलते हुए आज आसमान तक अपनी शौहरत दर्ज कर चुकी हैं। अगर बीते वर्षों में जाएं तो देश को स्वच्छ रहने का आह्वान एक अभियान के रूप में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था तो उस महत्व को भी हर कोई जानता है। बड़ी बात कोरोना के खिलाफ जंग की है जो हम पिछले दो साल से लड़ रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग अब आखिरी चरण में है। अबकी चूक गए तो कोरोना फिर सिर उठा लेगा। आज एक पीएम के जन्मदिन पर अगर हमने 2.50 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाया है तो आखिरी चरण में यह जंग अब थमनी नहीं चाहिए। कोरोना का फन कुचल कर ही आगे बढ़ना होगा। संपादकीय :पंजाब में कैप्टन का इस्तीफा !कट्टरपंथ : खेमों में बंटी दुनियाचौकन्ने शिवराज सिंह चौहानडूबी सम्पत्तियों का बैड बैंकगुजरात में सभी मन्त्री नये !टेलिकॉम और आटो सैक्टर काे पैकेजजन्मदिन को एक सेवा दिवस के रूप में मनाना बड़ी बात है। वरना तो दुनिया फाइव स्टार होटलों, क्लबों और रेस्तारांओं में जाम से जाम टकराकर जन्मदिन मनाती है। लेकिन एक प्रधानमंत्री सेवा दिवस के रूप में इसे मनाता है तो यह बड़ी बात है। फिर भी लोगों के लिए यह वक्त है कि वह इस सेवा दिवस से प्रेरणा लें। यही देश को समझना चाहिए। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण वैक्सीन लाकर जिस तरह से भारत ने बहुत कुछ झेल कर आगे कदम बढ़ाए तो इस सेवा दिवस पर लोगों को आगे भी सम्भल कर और डटकर रहना है। हमारा मानना है कि कोरोना के खिलाफ जो मंत्र देश में पीएम के माध्यम से स्थापित किये गए हैं उन सबका पालन करना जरूरी है। सरकारी डाक्टर हों या प्राइवेट डाक्टर, हैल्थ कर्मचा​री हों या तकनीकी कर्मचारी, मीडिया हो या पुलिसकर्मी या हर कोई जो भी अपनी तरफ से कर सकता है वह कोरोना के खिलाफ जंग में अपना शत-प्रतिशत देने को तैयार है। इस सेवा दिवस पर लोगों को यही संकल्प लेना होगा इसी से भारत की कोरोना पर एक बड़ी जीत स्थापित होगी और पूरी दुनिया भारत का परचम एक बार फिर से बुलंदी पर लहराता हुआ देख कर कहेगी वाह इंडिया-वाह भारत-मोदी जी तुसी ग्रेट हो, मोदी जी आप महान हो।

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