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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल की कशमकश के बीच सफलतापूर्वक संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव भारतीय लोकतंत्र और प्रशासन की मजबूती के प्रतीक बने। अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार ने राज्य की कमान भी संभाल ली है।
उम्मीद है कि सरकार अब जनता की उन परेशानियों को दूर करने की दिशा में तेजी से काम करेगी, जिन वादों पर भरोसा करके जनता ने सत्ता में उसकी वापसी कराई। देश भर में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार से ही जाते हैं।
कोरोना महामारी की भयावहता के शिकार हुए ऐसे तमाम मजदूरों को विकट परिस्थितियों में वापस अपने गृह राज्य लौटना पड़ा। आर्थिक मुश्किलों के कारण उनके त्रासद जीवन की दर्दनाक दास्तान सुनकर किसी भी संवेदनशील व्यक्ति का दिल पसीज जाएगा। शायद इसी पहलू ने विभिन्न दलों का घोषणापत्र तैयार करने वालों को उसमें रोजगार सृजन के मुद्दे को व्यापकता के साथ शामिल करने के लिए प्रेरित किया।
परिणामस्वरूप महागठबंधन ने जहां अगले पांच वर्षों के दौरान 10 लाख नए रोजगार सृजित करने का वादा किया तो वहीं राजग ने उससे कहीं बढ़कर 19 लाख नई नौकरियां देने की बात कही।