- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- भैयाजी बन गए मंत्री
भैयाजी मंत्री बन गए थे। उन्हें बधाई देना मेरे लिए लाजमी था, सो उनके निवास पर पहुंचा तो वे प्लेट में गुलाब-जामुन का ढेर लगाए उन्हें गटक रहे थे। मैंने कहा-'यह क्या, आप अकेले-अकेले ही खा रहे हैं गुलाब-जामुन, मंत्री बनने की मिठाई तो हम भी खाएंगे।' वे गुलाब-जामुन को गले से नीचे उतारकर बोले-'अब तो अकेले ही खाना है शर्मा। चुनाव में तुमने कम खाया क्या? अभी तो मैं ढाबे वालों का हिसाब भी चुकता नहीं कर पाया हूं।' मैं बोला-'अब चुनाव प्रचार में भैयाजी अपने घर से परांठे अचार थोड़े ही बांधकर ले जाता। तुम्हें तो पता होगा मैंने कितनी मेहनत की है आपको जितवाने में।' 'मुझे सब पता है शर्मा, लेकिन कान खोलकर सुन लो, अब मैं मंत्री बन गया हूं। तुम्हें तो पता होगा कि मंत्री की क्या महत्ता होती है तथा उसकी शक्तियां कितनी असीम हैं?' मैंने कहा-'लेकिन आप डरा तो नहीं रहे यह कहकर। मानता हूं आपने चुनाव में 50 लाख खर्च किए हैं, उनकी उगाही कम समय में करनी है, अल्पमत की गठबंधन सरकार है, पता नहीं कब कौन समर्थन वापस ले ले।