सम्पादकीय

भगवंत मान ने निभाया वादा

Gulabi Jagat
18 April 2022 2:12 PM GMT
भगवंत मान ने निभाया वादा
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उल्लेखनीय है कि पंजाब में अवैध खनन माफिया कई सालाें से सक्रिय हैं
''दुल्हन वही जो पिया मन भाए
सरकार वही जो वोटर को भाए
सरकार वही जो वादा निभाए।''
अक्सर राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों से पहले जारी किए गए घोषणापत्र या संकल्प पत्र में किए गए वायदे हवा हवाई ही साबित होते रहे हैं। आज तक सरकारें अपने घोषणापत्र के अनुरूप अपना एजैंडा लागू करने में विफल रही हैं लेकिन पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सत्ता का एक माह पूरा करने के बाद दिल्ली की आप सरकार की तर्ज पर राज्य में एक जुलाई से 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर दी है। विपक्ष कितनी भी आलोचना क्यों न कर रहा हो लेकिन बिजली मुफ्त देने की घोषणा अपने आप में एक जोखिम भरा फैसला है। पंजाब की आप सरकार ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे परिवार तथा स्वतंत्रता संग्राम से​नानियों को भी 300 यूनिट मुफ्त देने का ऐलान किया है। लेकिन हंसते खेलते आर्थिक रूप से सम्पन्न परिवारों को भी दो माह में 600 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर पूरा ​बिल ही चुकाना होगा। मुख्यमंत्री मान ने हंसते खेलते परिवारों को यह राय भी दी है कि वे अगर बिजली की खपत में बचत करें तो उन्हें भी 600 यूनिट तक बिल नहीं देना होगा। पंजाब में करीब 7# लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। इनमें से 61 लाख लोगों को इससे फायदा होगा। सरकार ने 2 किलोवाट लोड बिजली वालों के 31 दिसम्बर, 2021 तक बिल माफ करने और उद्योगों, कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ नहीं बढ़ाए जाने और कृषि क्षेत्र के लिए भी मुफ्त बिजली जारी रखने का ऐलान किया।
आप पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी दिल्ली में जब मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी तब भी विपक्ष ने इस बात को लेकर तूफान खड़ा किया था कि दिल्ली सरकार के पास राजस्व कहां से आएगा। यह अरविन्द केजरीवाल सरकार की सफलता है कि उसने दिल्ली का राजस्व भी घटने नहीं दिया और मुफ्त बिजली देने की घोषणा सफलतापूर्वक जारी है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को काफी राहत ​मिली। दिल्ली सरकार ने तो महिलाओं के डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा देने की योजना भी चलाई हुई है। पंजाब में मुफ्त बिजली देने की घोषणा से पावर कॉम पर 7000 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। इससे पावर कॉम के लिए आर्थिक मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इस समय पावर कॉम पर 17000 करोड़ का लोन है। भगवंत मान सरकार ने यह ऐलान करने से पहले रोड मैप पर चर्चा की कि किस तरह पंजाब की आय में वृद्धि करनी है। आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान इस गणित को पहले ही मतदाताओं को बता चुके हैं। उनका गणित यह है कि राज्य में अवैध रेत माफिया और अन्य कुछ माफिया जितनी राजस्व की चोरी करते हैं अगर उसको शत-प्रतिशत रोक दिया जाए तो मुफ्त में बिजली देने का खर्च उससे निकल सकता है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में अवैध खनन माफिया कई सालाें से सक्रिय हैं और यह धंधा राजनीतिज्ञों के संरक्षण में रेत माफिया और अफसरों की साठगांठ से चल रहा था। और रेत माफिया अपनी काली कमाई का हिस्सा राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के घरों में पहुंचाता था। इसके अलावा भी मान सरकार ने पंजाब का राजस्व बढ़ाने के लिए अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। सोशल मीडिया पर मान सरकार के फैसले चर्चा का विषय हैं। और लोग भी मुख्यमंत्री के कमेडियन के रूप में लोकप्रिय पात्र 'जुगनू कहदां है' को याद करते हुए इस बात पर नजरें लगाए बैठे हैं कि अब जुगनू क्या नई घोषणा करेगा। सरकार के सामने यह भी एक चुनौती है कि पंजाब में पहले से ही बिजली संकट मंडरा रहा है। पंजाब में इन दिनों 8000 मेगावाट की मांग है। आने वाले दिनों में बिजली की खपत बढ़ेगी तो मांग 15000 मेगावाट तक पहुंच सकती है। बिजली उत्पादन केन्द्र इस समय कोयला संकट से भी जूझ रहे हैं। मान सरकार को बहुत कुछ ऐसा करना होगा कि जिससे सरकार पर भी बोझ न पड़े और बिजली की कमी भी पूरी हो जाए। अभी बहुत सी घोषणाएं मान सरकार ने करनी है। तमाम चुनौतियों के बावजूद मुफ्त बिजली देने की घोषणा अग्नि परीक्षा के समान है। इसके लिए सरकार को ऊर्जा बचत के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे और साथ ही सोलर पावर ​सिस्टम को भी बढ़ावा देना होगा। अगर सरकार बायोमास चलित थर्मल प्लांट लगाने की व्यवस्था कर ले तो कई वर्षों तक हर वर्ष आने वाली कोयले की कमी का झंझट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। अगर कृषि उपज के कचरे को पावर प्लांट में प्रयोग करने का प्रबंध कर लिया जाए तो पराली जलाने की समस्या भी खत्म हो सकती है। मान सरकार ने अपना वादा पूरा कर ​दिखाया है। अब उनकी सरकार के अगले कदमों पर सबकी नजरें हैं।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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