सम्पादकीय

Bengal Election: टीएमसी नेता के 'भारत में चार पाकिस्तान' वाला बयान क्या कमल खिलाने में खाद का काम करेगा

Gulabi
26 March 2021 8:08 AM GMT
Bengal Election: टीएमसी नेता के भारत में चार पाकिस्तान वाला बयान क्या कमल खिलाने में खाद का काम करेगा
x
बंगाल में चुनाव

बंगाल में चुनाव (Bengal Election) अब कुछ दिन ही दूर है. सभी दल जनता को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम पैतरें अपना रहे हैं. लेकिन इसी बीच TMC नेता शेख आलम ने एक ऐसा बयान दे दिया है जो बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का सियासी समीकरण बिगाड़ सकता है. दरअसल शेख आलम (Sheikh Alam) ने कहा, "हम जो अल्पसंख्यक लोग 30% हैं और वो 70% हैं. अगर पूरे भारत में हम 30 % लोग इकठ्ठा हो जाते हैं तो हम 4-4 पाकिस्तान बना सकते हैं. फिर कहाँ जायेंगे यह 70% लोग?" ममता बनर्जी जहां बंगाल चुनाव के समय एंटी हिंदू दिखने से बचने की कोशिश कर रही हैं, वहीं उनके बयानवीर नेता इस तरह की बयानबाजी कर उनके लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.


बीजेपी ने इस मुद्दे को अब लपक लिया है और उसके हर बड़े नेता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. इस वीडियो को लेकर बीजेपी सीधे-सीधे ममता बनर्जी को निशाना बना रही है. वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. बीजेपी बंगाल में शुरू से हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर मुखरता से लड़ रही थी और ममता बनर्जी को एक खास समुदाय का शुभचिंतक बता रही थी, अब जब से यह वीडियो सामने आया है इसने बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड को और बल दे दिया है और अगर कहीं बंगाल में बीजेपी इस मुद्दे के जरिए चुनाव तक हिंदू वोटर्स को एक जुट करने में कामयाब हो जाती है तो उसकी जीत तय मानी जाएगी.

TMC की तरफ से पाकिस्तान का बयान कोई पहला बयान नहीं है
देश में अगर जम्मू-कश्मीर और असम को छोड़ दिया जाए तो बंगाल तीसरा ऐसा राज्य है जहां मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है, इसलिए TMC के मुस्लिम नेता शायद इस तबके को खुश करने के लिए पाकिस्तान वाला बयान देते हैं. हालांकि इस मुस्लिम आबादी में बहुत से ऐसे लोग हैं जो इन नेताओं के बयान से इत्तफाक नहीं रखते हैं. आपको याद होगा 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी बंगाल में ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने भी एक ऐसा ही बयान दिया था जिससे दीदी की और मंत्री की पूरे देश में किरकिरी हुई थी.

फिरहाद हाकिम ने पाकिस्तान के एक अखबार 'डॉन' के साथ बातचीत में उसकी रिपोर्टर मलीहा हामिद सिद्दिकी से कहा था कि 'प्लीज मेरे साथ आइए और मैं आपको कोलकाता के मिनी पाकिस्तान में ले चलूंगा' बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम का यह बयान पूरी दुनिया के मीडिया के लिए सुर्खियां बना, खास तौर से पड़ोसी देश पाकिस्तान के मीडिया ने इसे हाथों-हाथ लिया और इस हेडलाइन पर खूब खबरें चलाईं. हालांकि इस चुनाव में ममता बनर्जी को भारी बहुमत से जीत मिली और खास तौर से मुस्लिम समुदाय उनके साथ पूरी दृढ़ता से खड़ा रहा. इसका सुबूत है मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में TMC को मिली ज्यादातर सीटें. हालांकि इस बार मुसलमान किसके साथ खड़े रहेंगे वह तो 2 मई को ही पता चलेगा.

बंगाल में मुस्लिम वोटों का समीकरण
पश्चिम बंगाल में करीब 30 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. कश्मीर और असम के बाद यहां मुसलमान सबसे ज्यादा हैं और विधानसभा की 294 सीटों में से करीब 110 सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक निर्णायक है. 85 विधानसभा क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर दिनाजपुर में तो 50 फीसदी तक मुसलमान हैं. जबकि दक्षिण और उत्तर 24-परगना जिलों में भी मुसलमानों का खासा असर है. पिछले चुनावों में TMC को इन सीटों पर जीत मिलती आई है जो दिखाता है कि बंगाल के मुस्लिम ममता बनर्जी पर कितना विश्वास करते हैं.

शेख आलम का बयान 70 फीसदी हिंदुओं को एक साथ कर देगा?
बंगाल में लगभग 70 फीसदी हिंदू आबादी है, इसीलिए शुरू से ही बीजेपी सिर्फ हिंदू-हिंदू कर रही थी और ममता बनर्जी को 'प्रो मुस्लिम' दिखाने का प्रयास कर रही थी. हालांकि ममता बनर्जी पिछले कुछ महीनों से अपनी इस छवि से निकलने का पूरा प्रयास कर रही थीं. चाहे वह चंडी पाठ हो या खुद को ब्राह्मण की बेटी बताना या फिर मंदिर-मंदिर जाना, लेकिन TMC के नेता शेख आलम ने ममता बनर्जी के इस पूरे मेहनत पर पानी फेर दिया. दरअसल बीजेपी शुरू से ही बंगाल के हिंदुओं के अंदर यह बात डाल रही है कि ममता सरकार किस तरह से उनके धार्मिक आजादी पर रोक लगा रही हैं, चाहे वह दुर्गा पूजा पर रोक हो या जय श्री राम से चिढ़ जाना यह सब कहीं ना कहीं ममता बनर्जी को एंटी हिंदू दिखा रहा था. लेकिन ममता बनर्जी चुनाव से ठीक पहले एक नई रणनीति के तहत अपने इस छवि से बाहर निकलना चाहती थीं. TMC नेता शेख आलम के बयान पर ममता बनर्जी क्या एक्शन लेती हैं इस पर सबकी नजर है.

बीजेपी का 'हिंदुत्व कार्ड' सफल
बीजेपी बंगाल में जमीनी तौर पर 2014 के लोकसभा से ही काम कर रही है और वहां के हिंदुओं को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है. इसका फायदा उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला जब हिंदू बहुल जिले मालदा (79%), उत्तर दिनाजपुर (76%), दार्जिलिंग (69%), कूचबिहार (65%), दक्षिण दिनाजपुर और नदिया (दोनों 63%) में हिंदुओं के ज्यादा वोट बीजेपी को मिले. इसी तरह से जिन जिलों में हिंदू वोट की भागीदारी अधिक है, कोलकाता (46%), पूर्व मेदिनीपुर (48%), हावड़ा और दक्षिण 24 परगना (दोनों 51%), पश्चिम मेदिनीपुर और मुर्शिदाबाद (दोनों 50%) बीजेपी के पक्ष में गए. इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड बंगाल में काम कर गया है जो शायद इस विधानसभा चुनाव में भी दिखे.


Next Story