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- घाटी में घंटी
बार-बार अपील की जा रही थी कि मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी जाएं, ताकि लोगों को रोजमर्रा के कामकाज में सहूलियत हो सके, मगर Mobile phones, terrorists, separatists, terrorists and separatists, terrorists and separatists, संगठनों की सक्रियता को देखते हुए ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा था। पिछले साल जुलाई में मोबाइल फोन और टू जी इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गर्इं, मगर इस फोर जी के जमाने में इस सेवा की गति बहुत धीमी थी, जिसके चलते विद्यार्थियों और व्यावसायिक कामकाज में लगे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई थी कि फोर जी सेवाएं बहाल की जा जाएं। अब ये सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। स्वाभाविक ही इस फैसले से वहां के नागरिकों ने राहत की सांस ली है।
उसके जरिए सूचना तंत्र में सेंध लगाने और अपनी गतिविधियों को संचालित करने में उन्हें मदद मिल रही थी। छिपी बात नहीं है कि घाटी में सक्रिय दहशतगर्दों के तार पड़ोसी देश से जुड़े हुए हैं, वहां से उन्हें हर तरह की मदद मिलती रही है, वहीं से उनकी गतिविधियों को संचालित किया जाता रहा है। ऐसे में अगर इंटरनेट सेवाओं पर सख्ती न बरती जाती, तो उन्हें अपनी साजिशों को अंजाम देने से रोकना चुनौतिपूर्ण बना रहता।