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- पंचायत चुनाव से पहले...
सुनीलदत्त पांडेय: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में हो रहे पंचायत चुनाव से ठीक पहले बंटी जहरीली शराब ने शासन प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। जहरीली शराब में 14 लोगों को मौत हो गई। इस जहरीली शराब का मुख्य आरोपी भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा ग्रामीण नेता है। उसकी पत्नी पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमा रही है। महिला प्रत्याशी का पति विजेंद्र गांव में झोलाछाप डाक्टर है।
पहले तो जिला प्रशासन जहरीली शराब पीकर लोगों के मरने की बात से पल्ला झाड़ता रहा परंतु जब एक के बाद एक मौत हुर्इं और यह मामला देहरादून में पुलिस महानिदेशक के दफ्तर में पहुंचा तो पुलिस ने सख्ती की। घटनास्थल पथरी थाने के थानेदार और चार पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के नौ अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी का भी तबादला कर दिया गया। सरकार ने अवैध रूप से बिक रही शराब को रोकने के लिए लगातार अभियान छेड़ने के आदेश दिए।
राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई और पथरी थाने के अंतर्गत गांव फूलगढ़ और शिवगढ़ में विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया। बड़े नेताओं में सबसे पहले इस गांव का दौरा पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, संजय पालीवाल आदि ने किया।
आज पंचायत चुनाव में शराब कांड सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। हालांकि जनपद के नेताओं ने कोई सबक नहीं सीखा है और अभी भी पंचायत चुनाव में शराब बांटी जा रही है। हरिद्वार पुलिस ने पंचायत चुनाव में शराब माफिया के खिलाफ जबरदस्त अभियान छेड़ रखा है और रोजाना कच्ची शराब पकड़ी जा रही है। गांव में अवैध रूप से चल रही कच्ची देसी शराब की भट्टियों को नेस्तनाबूद करने का अभियान चल रहा है।
इसके बावजूद पंचायत चुनाव में मतदाताओं को जमकर कच्ची पक्की देसी विदेशी सभी शराब परोसी जा रही है जिसे रोकने में प्रशासन नाकाम दिखाई दे रहा है। जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी सहित 20 से ज्यादा आरोपियों को पुलिस ने अभी तक पकड़ा है। वहीं, शराब कांड की परत दर परत खुल रही है। इस शराब कांड ने पंचायत चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है क्योंकि इस कांड के मुख्य आरोपी विजेंद्र की पत्नी भाजपा से जुड़ी हुई है और वह उम्मीदवार है।
विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया है और सत्तारूढ़ भाजपा पर पंचायत चुनाव में धन बल, बाहुबल और शराब के बूते जैसे तैसे चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हरिद्वार जनपद का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा कि जहां एक तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पूरे उत्तराखंड को 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने का अभियान छेड़े हुए हैं।
वहीं, हरिद्वार के जिला पंचायत चुनाव को जीतने के लिए भाजपा के स्थानीय नेता जहरीली शराब पिलाकर मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें मौत की नींद सुला रहे हैं। यह भाजपा का दोहरा चरित्र दर्शाता है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक के मुताबिक इस शराब कांड के मुख्य आरोपी विजेंद्र ने छह महीने पहले अपने खेत में कच्ची शराब बनाकर जमीन में गाड़ रखी थी और वोटरों को लुभाने के लिए उसने आठ सितंबर को पंचायत चुनाव के नामांकन से पहले दो गांवों शिवगढ़ और फूलगढ़ के मतदाताओं को शराब पिलाई और उसके बाद उसने गांव वालों को नामांकन के दो दिन बाद शराब बनाने के लिए बुलावा भेजा हुआ था। उसका इरादा गांव वालों को खुश करने के लिए जमकर शराब पिलाने का था।
शराब कांड के मुख्य आरोपी बिजेंद्र की पत्नी बबली फूलगढ़ से उन चार प्रत्याशियों में से एक है, जो पंचायत चुनाव लड़ने मैदान में उतरे हैं। शिवगढ़ ग्राम पंचायत में 3,630 मतदाता हैं. चार गांव की पंचायत में 9 ग्राम प्रधान उम्मीदवार हैं। इन सबमें सबसे अधिक मतदाता फूलगढ़ गांव में ही हैं। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी विजेंद्र के भाई नरेश की दुकान से शराब की भट्टी और उपकरण बरामद किए गए हैं। भाजपा नेता बनकर विजेंद्र और उसका भाई इस क्षेत्र में पुलिस और आबकारी विभाग की छत्रछाया में अवैध कच्ची शराब का धंधा कई वर्षों से कर रहा था। उसे भाजपा के बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त था तभी उसकी पत्नी को भाजपा ने जिला पंचायत चुनाव में उतारा।