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देश की थल सीमा का सबसे दक्षिणतम बिंदु लक्षद्वीप समूह अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है. देश का संभवतः एकमात्र समुद्री किनारा है जहां पानी नीला दिखता है. अपने प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित अद्वितीय और आकर्षक द्वीप-समूह केरल के लोगों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हैं . केरल की खूबसूरती को विस्तार देता इस द्वीप का प्राकृतिक सौंदर्य, स्वच्छ वातावरण, चारों ओर समुद्र पर्यटकों को बरबस अपनी तरफ आकर्षित करता है. तलछट पर तैरती रंगीन मछलियां इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं. यह द्वीप देश का इकलौता मूँगा द्वीप हैं. जो दूसरे द्वीप समूहों से इसे अलग किस्म की विशिष्टता प्रदान करती है. आप यह सोच सकते हैं कि देश में लक्षद्वीप समूह और अंडमान निकोबार जैसे इतने सुंदर द्वीप समूहों के होने के बावजूद हम सिंगापुर , बाली और मालदीव क्यों जाते हैं. दरअसल ये भारत का दुर्भाग्य रहा कि प्राचीन काल में हम बंद धार्मिक मान्यताओं के चलते समुद्र तटों को पार करने से चूक गए और हमारे पास में स्थित ऑस्ट्रेलिया जैसे महाद्वीप पर सात समुंदर पार से अंग्रेज आए और अपने कब्जे में ले लिए. इसी तरह आजादी के बाद बंद आर्थिक नीतियों के चलते हमारी आंखों के सामने थाईलैंड, बाली, इंडोनेशिया, दुबई , सिंगापुर , मालदीव जैसे द्वीपों ने अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया भर के लिए खोल दिया और तेजी से आर्थिक विकास कर के ये प्रगति के द्वीप बन गए. हमारे द्वीप आज भी जल-जंगल और जमीन के संघर्ष में डूबे हुए हैं.