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- सावधान मुसाफिर, नाव...

जयप्रकाश चौकसे। प्रकृति का तर्क सम्मत वैज्ञानिक अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने आशंका अभिव्यक्त की है कि अगले तीन दशक में समुद्र तट के आसपास बसे महानगर और बस्तियां, समुद्र में तूफान से नष्ट हो जाएंगी। विश्व की जलवायु में मात्र 1 डिग्री तापमान बढ़ने के कारण यह विनाश संभव है। पंचांग जानने वाले कुछ लोगों ने समय-समय पर इस तरह की भविष्यवाणियां की हैं कि विनाश फलां वर्ष होगा। इस बार विनाश की आशंका वैज्ञानिकों ने गहरा शोध करके दी है। अतः इसे गंभीरता से लिया जाना आवश्यक है।
मुंबई, कोलकाता, न्यूयॉर्क, चेन्नई इत्यादि महानगर समुद्र तट पर बसे हैं। मुंबई का कुछ भाग समुद्र में बड़े पत्थर डालकर सपाट बनाया गया है। समुद्र सीमा का उल्लंघन किया गया है। समुद्र स्वयं ही अदालत है और वह अदालत अपना अधिकार ले सकती है। उसकी एक करवट ही बहुत है कहर ढाने के लिए। नगर के कुएं पाटकर बस्तियों में बदल दिए गए हैं। श्याम बेनेगल की फिल्म 'शाबाश अब्बा' में एक कुआं बनाने के लिए सहकारिता बैंक से कर्ज पाने को लेकर रिश्वत देने का किस्सा है।