सम्पादकीय

महंगाई से पस्त

Subhi
20 May 2022 5:31 AM GMT
महंगाई से पस्त
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महंगाई के चलते आज देश की दुर्दशा हो गई, लेकिन यह मुद्दा नहीं है। मुद्दे ज्ञानवापी, लाउडस्पीकर, ताजमहल हैं और लोगों का मन इसी में भटका हुआ है।

Written by जनसत्ता: महंगाई के चलते आज देश की दुर्दशा हो गई, लेकिन यह मुद्दा नहीं है। मुद्दे ज्ञानवापी, लाउडस्पीकर, ताजमहल हैं और लोगों का मन इसी में भटका हुआ है। जब-जब देश में कोई गंभीर मुद्दा उभरता है, गोदी मीडिया उसकी दिशा मोड़ देता है। देश धीरे-धीरे अडानी-अंबानी के हाथों गिरवी रखा जा रहा है, लेकिन इसकी सुध किसी को नहीं है। सरकार के पास महंगाई रोकने के लिए कोई उपाय नहीं है।

इसकी कोई आर्थिक नीति नहीं है, जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे। न सिर्फ डीजल और पेट्रोल की कीमतों, बल्कि खाद्य तेलों में भी पिछले एक महीने के अंदर भारी उछाल देखने को मिला है। र्इंधन के दाम में बढ़ोतरी की मार सबसे अधिक गरीबों, मध्यवर्ग, किसानों, छोटे व्यापारियों पर पड़ती है। ऐसे में, समय रहते सरकार को इस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि निम्नवर्ग को महंगाई की मार से बचाया जा सके।

किसी भी देश की कानून-व्यवस्था में वहां की पुलिस की अहम भूमिका होती है। देश की रक्षा करना पुलिस का परम कर्तव्य होता है। पर क्या हो, अगर पुलिस ही अपना कर्तव्य भूल जाए। आज लोगों में पुलिस का खौफ न के बराबर है। इसके लिए खुद पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं। भ्रष्टाचार के इस युग में कुछ पुलिसकर्मी इसे खत्म करने के बजाय खुद इसका हिस्सा बन गए हैं। वे बड़े-बड़े माफिया और गुंडों को काबू करने के बजाय उनके हौसलों को और बुलंद कर रहे हैं। अपराध रोकने के लिए पुलिस तैनात की जाती है।

आज पुलिस की निगरानी में सब काम हो रहे हैं। जब तक पुलिस किसी घटनास्थल पर पहुंचती है, अपराधी अपना काम करके चले जाते हैं। बाद में सब पैसे देकर रफा-दफा हो जाता है। आज अपराधी अपराध करने के लिए यह नहीं सोचता कि उसे सजा होगी, बल्कि यह सोचता है कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, कुछ दिन जेल में ही तो रहना है, रह लेंगे। आज सड़कों पर अपराधी अपराध करके खुलेआम घूम रहे हैं। इसके लिए पुलिसकर्मी ही नहीं, हमारी पूरी कानून-व्यवस्था जिम्मेदार है, जिसके कारण अपराधियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।

ऐसे में जरूरत है तुरंत कार्रवाई करने की। एक ऐसी व्यवस्था की, जिससे कोई भी अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए निष्पक्ष और देश के प्रति वफादार पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है।


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