सम्पादकीय

बंग युद्ध: 145 सीटों पर 80 फीसदी से ज्यादा हैं हिंदू मतदाता, 60% ध्रुवीकरण से बीजेपी को मिल सकती है 110-120 सीटों पर जीत

Gulabi
22 March 2021 11:39 AM GMT
बंग युद्ध: 145 सीटों पर 80 फीसदी से ज्यादा हैं हिंदू मतदाता, 60% ध्रुवीकरण से बीजेपी को मिल सकती है 110-120 सीटों पर जीत
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2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान पैटर्न के अनुसार, बीजेपी ने 145 सीटों में से 92 सीटों पर बढ़त हासिल की थी

2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान पैटर्न के अनुसार, बीजेपी ने 145 सीटों में से 92 सीटों पर बढ़त हासिल की थी, जबकि टीएमसी (TMC) की बढ़त 53 सीटों पर थी. हालांकि, पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में मुस्लिम मतदाताओं (Muslim Voters) का विशेष महत्व रहा है, लेकिन राज्य की हिंदू आबादी (Hindu Population) भी कम महत्वपूर्ण नहीं है, जो कुल आबादी का लगभग 71% है. 294 सीटों वाले बंगाल विधानसभा की 145 सीटों पर 80% से ज्यादा हिंदू मतदाता हैं.

पूरे राज्य के लोकसभा चुनाव 2019 में बड़ी संख्या में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हुआ या 55% बीजेपी के पक्ष में गए. फलतः साल 2019 में टीएमसी ने 164 सीटों पर बढ़त हासिल की थी, जबकि बीजेपी 121 पर आगे रही थी. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी दोनों मुख्य पार्टियां इन वोटों के लिए जी जान से लगी हुई हैं.
बंगाल विधानसभा चुनाव में जादुई आंकड़ा 148 का है
पिछले लोकसभा चुनाव में हिंदू बहुल जिले मालदा (79%), उत्तर दिनाजपुर (76%), दार्जिलिंग (69%), कूचबिहार (65%), दक्षिण दिनाजपुर और नदिया (दोनों 63%) में हिंदुओं के ज्यादा वोट बीजेपी को मिले. इसी तरह से जिन जिलों में हिंदू वोट की भागीदारी अधिक है, कोलकाता (46%), पूर्व मेदिनीपुर (48%), हावड़ा और दक्षिण 24 परगना (दोनों 51%), पश्चिम मेदिनीपुर और मुर्शिदाबाद (दोनों 50%) बीजेपी के पक्ष में गए. इस तरह से साफ है कि बांग्लादेश की सीमाओं से सटे जिलों में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण बीजेपी के पक्ष में हुआ. जबकि दक्षिण बंगाल में, जो सीमावर्ती इलाकों से सटे नहीं हैं, वहां हिंदू वोटों का बीजेपी के पक्ष में कम ध्रुवीकरण हुआ.
हिंदुओं में अनुसूचित जाति के राजबंशी, मतुआ और बाउड़ी, जो राज्य की जनसंख्या के करीब 23 फीसदी हैं, ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. चाय श्रमिक और जंगलमहल के आदिवासी ( राज्य के पश्चिमी भाग में वन क्षेत्रों के पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में रहने वाले आदिवासियों) ने भी बीजेपी को अधिक वोट दिए. उसी तरह से उत्तर में पहाड़ी क्षेत्रों में गोरखाओं और दक्षिण बंगाल में कुछ जिलों मतुआ ने भी बीजेपी को वोट दिए.
राजबंशी पर बीजेपी की नजर
बीजेपी की रणनीति राजबंशी वोट, नमोशुद्र (जिनमें से मतुआ एक हिस्सा है) और चाय बागानों के श्रमिकों को संगठित करना है. उन्होंने पहले ही घोषणा की है कि अर्धसैनिक बलों में एक नारायणी सेना बटालियन की स्थापना की जाएगी, जो राजबंशी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी. केंद्रीय गृह मंत्री ने असम के अनंत महाराज से भी मुलाकात की थी, जिन्हें राजबंशी समुदाय का धार्मिक गुरु माना जाता है.
बीजेपी के रणनीति की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने राजबंशियों की विश्वासनीयता अर्जित करने के लिए राजबंशी समुदाय के नेता और बीजेपी के वर्तमान लोकसभा एमपी निशिथ प्रमाणिक को दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उतारा है. बीजेपी चाय बागान के श्रमिकों को भी लुभाने में जुटी है. केंद्रीय बजट में चाय बागान के श्रमिकों की महिलाओं और बच्चों के कल्याण की योजनाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा हुई है, इस योजना से ज्यादातर बंगाल के चाय बागान के श्रमिक लाभान्वित होंगे.
मतुआ समुदाय को अपने पाले में करने की कोशिश
इन समुदाय के लोगों के साथ संबंधों को मजबूत करने और इसका संदेश देने के लिए बीजेपी के बड़े नेता जैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के विभिन्न इलाकों में इन समुदाय के लोगों के घर में लंच डिप्लोमेसी की, इसके साथ ही दोनों बड़े नेताओं के दौरे का व्यापक स्तर पर मीडिया कवरेज भी हुआ. बीजेपी मूलतः मतुआ (नमोशुद्र (अनुसूचित जाति), जो शरणार्थी के रूप में बांग्लादेश से भारत आए हैं और इस इलाके में बहुतायत की संख्या में बस गए हैं, पर विशेष रूप से फोकस कर रही है. इसी समुदाय को लुभाने के लिए बीजेपी ने संसद में भारतीय नागरिकता संशोधन कानून में संशोधन किया है.
प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने के लिए 26-27 मार्च बांग्लादेश जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बांग्लादेश की यात्रा के दौरान वह बांग्लादेश में ओराकांडी जा सकते हैं. यहां मतुआ समुदाय का मंदिर है, जिसका यह समुदाय बहुत ही सम्मान और आदर करता है और पूज्यनीय मानता है.
ममता बनर्जी की पार्टी TMC भी इन जातियों को साधने में जुटी
ममता बनर्जी भी बीजेपी के इस चुनौती को समझते हुए अनुसूचित जाति और जनजातियों पर फोकस कर रही हैं. 17 मार्च को ममता बनर्जी द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए मासिक 1000 रुपए भत्ता देने की घोषणा की गई है. यह राशि सामान्य जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को भी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने महतो जाति को अनुसूजित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है.
ममता सरकार ने मतुआ लोगों को दिया भूमि अधिकार
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यह भी घोषणा की है कि महतो, गोरखाओं और जंगलमहल के युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए बंगाल पुलिस में तीन नारायणी बटालियन की स्थापना की जाएगी.
मतुआ को लुभाने के लिए लगभग 25,000 मतुआ लोगों को भूमि अधिकार दिए गए हैं. टीएमसी नेताओं ने कहा कि समुदाय के अन्य 1.25 लाख लोगों को भूमि का अधिकार दिया जाएगा. ममता सरकार ने मतुआ विकास बोर्ड का गठन किया है और उसे 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसी तरह का बोर्ड 5 करोड़ रुपये की राशि के साथ नमोशूद्र के लिए भी बनाया गया है.
गोराखा वोट बैंक पर नजर
गोरखा वोटों को लुभाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने दार्जिलिंग के पार्वत्य ईलाके के लोकप्रिय नेता बिमल गुरुंग को अपने पक्ष में करने में सफल रही है. राज्य की कुल 68 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए संरक्षित हैं. ममता बनर्जी ने इस समुदाय के 79 लोगों को उम्मीदवार बनाया है.
आंकड़े:
विधानसभा केंद्रों की संख्या 2019 में टीएमसी की बढ़त 2019 में कांग्रेस की बढ़त 2009 में बीजेपी की बढ़त
20 % से अधिक मुस्लिम मतदाता 149 111 9 29
80 % से अधिक हिंदू मतदाता 145 53 0 92
लोकसभा चुनाव 2019 में हिंदुओं का बीजेपी के पक्ष में कितना ध्रुवीकरण हुआ ?
पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोट 27%
2019 में हिंदू वोटों का बीजेपी के पक्ष में ध्रुवीकरण 55%
बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके- हिंदू मतों का ध्रुवीकरण
दक्षिण बंगाल के इलाके- हिंदू मतों का कम हुआ ध्रुवीकरण
बीजेपी ने एससी और एसटी का ज्यादा वोट हासिल किया.
पश्चिम बंगाल में अनूसूचित जातियों की कुल जनसंख्या 23.5%
बंगाल में अनुसूचित जनजातियों की कुल संख्या 5%
साल 2019 में वे जिले जहां हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण 60% से अधिक है
साल 2019 में वे जिले जहां हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण 60% से अधिक है.
साल 2019 में जहां हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण 60% से कम रहा
साल 2019 में जहां हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण 60% से कम रहा.
साल 2019 में कौन से समुदाय बीजेपी के पक्ष में रहें
साल 2019 में कौन से समुदाय बीजेपी के पक्ष में रहे.
बीजेपी और टीएमसी दोनों ही इन समुदायों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं
देखें, बीजेपी लुभाने के लिए क्या कर रही है
अमित शाह, जेपी नड्डा इन समुदायों के यहां दौरा कर रहे हैं और लंच कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री ने असम के अनंत महाराज से भी मुलाकात की थी, जिन्हें राजबंशी समुदाय का धार्मिक गुरु माना जाता है. अमित शाह ने कूचूबिहार की रैली में घोषणा की कि अर्धसैनिक बलों में एक नारायणी सेना बटालियन की स्थापना की जाएगी, जो राजबंशी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी. चिलारी (शुकलाधवाज) सिंह के नाम पर एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की यात्रा के दौरान वह बांग्लादेश में ओराकांडी जा सकते हैं. यहां मतुआ समुदाय का मंदिर है, जिसे यह समुदाय बहुत ही सम्मान और आदर करता है और पूज्यनीय मानता है.
केंद्रीय बजट में चाय बागान के श्रमिकों की महिलाओं और बच्चों के कल्याण की योजनाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये के फंड घोषित.
आइए, देखें क्या कर रही है टीएमसी
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद टीएमसी सरकार ने एससी और एसटी समुदाय के लिए वृद्धा पेंशन शुरू किया. टीएमसी ने नाराणयी सेना, गोरखा बटालिया और जंगलमहल बटालियन के पुलिस फोर्स बनाने की घोषणा की. मतुआ को लुभाने के लिए लगभग 25,000 मतुआ लोगों को भूमि अधिकार दिए गए हैं. टीएमसी नेताओं ने कहा कि समुदाय के अन्य 1.25 लाख लोगों को भूमि का अधिकार दिया जाएगा.

ममता सरकार ने मतुआ विकास बोर्ड का गठन किया है और उसे 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसी तरह का बोर्ड 5 करोड़ रुपये की राशि के साथ नमोशूद्र के लिए भी बनाया गया है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग अब टीएमसी के साथ हैं. राज्य की कुल 68 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए संरक्षित हैं. ममता बनर्जी ने इस समुदाय के 79 लोगों को उम्मीदवार बनाया है. (मुस्लिम उम्मीदवारों में कटौती कर)
टीएमसी कुर्मी को एसटी का दर्जा देने का आवेदन किया है.

हिंदू बहुल 145 सीटें बीजेपी के लिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण
परिदृश्य-1 50 % टीएमसी (60-65), बीजेपी (70-75), यूपीए (5-15)
परिदृश्य-2 60% टीएमसी( 25-35), बीजेपी (110-120), यूपीए (0-3)

टीवी 9 चुनाव अनुसंधान और खोज ईकाई के विश्लेषण के अनुसार इन 145 सीटों, जिन पर 80% या उससे अधिक हिंदू हैं, में दो परिदृश्य उभर रहे हैं:

परिदृश्य 1: 50 % हिंदू वोटों का बीजेपी की ओर ध्रुवीकरण होता है, तो टीएमसी 145 सीटों में से 60-65 सीट जीत सकती है और बीजेपी को 70-75 सीटें हासिल होंगी. कांग्रेस-लेफ्ट-आईएसएफ 5-15 सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं.

परिदृश्य 2: बीजेपी के पक्ष में 60% हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होता है, तो टीएमसी 145 सीटों में से 25-35 सीट पर जीत हासिल कर सकती है. बीजेपी को 110-120 सीटें मिल सकती है और कांग्रेस-लेफ्ट-आईएसएफ गठबंधन 0-3 सीटें जीत सकती हैं.


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