- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- हेट स्पीच पर लगे रोक
रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान देश में कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इस सिलसिले में 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। अपोजिशन पार्टियों ने आरोप लगाया है कि हेट स्पीच देने वालों को आधिकारिक स्तर पर पनाह दी जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। बीजेपी ने इन आरोपों पर विपक्षी दलों को घेरा है। पार्टी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां पिछले 70 साल से तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। इसी वजह से आज हालात बिगड़ रहे हैं। बीजेपी ने यह भी कहा कि विपक्षी दल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना चाहते हैं। दोनों तरफ की बयानबाजी जहां एक ओर इस मुद्दे पर राजनीति की पुष्टि करती है तो दूसरी ओर इससे यह भी जाहिर होता है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ने और हिंसा से कोई इनकार नहीं कर रहा। अगर इस पर दोनों ही पक्ष एकमत हैं तो उनकी ओर से एक साझा अपील होनी चाहिए। इसमें कहा जाना चाहिए कि ऐसे मुद्दों को हवा ना दी जाए, जिससे समाज में दूरी बढ़े। जमीनी स्तर पर भी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता इसे रोकने की कोशिश कर सकते हैं। इसके साथ संबंधित राज्य सरकारों को हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इससे यह संदेश जाएगा कि नफरत बढ़ाने वालों और सांप्रदायिक हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
एनबीटी डेस्क