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सर्वोच्च न्यायालय ने फ्रीबीज याचिका पर सुनाई करते हुए कहा है कि रेवड़ी व कल्याण योजनाओं में फर्क है
सर्वोच्च न्यायालय ने फ्रीबीज याचिका पर सुनाई करते हुए कहा है कि रेवड़ी व कल्याण योजनाओं में फर्क है। जी हां, कल्याण योजनाएं लंबे समय तक चलती हैं, जैसे मनरेगा, और रेवडिय़ां अल्प समय के लिए होती हैं जो वोट दिला सकती हैं, जैसे फ्री साइकिल, बिजली, पानी, सिलेंडर आदि देने के वादे जो अमूमन चुनाव पूर्व किए जाते हैं। फ्री राशन बांटने को भी रेवडिय़ां बांटने की श्रेणी में लाया जा सकता है क्योंकि फ्री में राशन बांटने की योजना सत्तापक्ष के लिए वोट का एक बड़ा साधन माना जा सकता है। कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि राजनीतिक दलों के लिए फ्रीबीज वोट हथियाने का एक बड़ा साधन बनता जा रहा है। इस पर रोक लगाना इसलिए जरूरी हो जाता है ताकि इसे लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होने से बचाया जा सके।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal
Rani Sahu
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