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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी के लिए लोकसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव बड़ी चुनौती साबित होने जा रहे हैं
हरीश तिवारी |
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी के लिए लोकसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव बड़ी चुनौती साबित होने जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज की है. लिहाजा इन दोनों को फिर से उपचुनाव में जीतना सपा लिए अहम है. जबकि बीजेपी इन दोनों सीटों पर जीत कर सपा को अपनी ताकत का एहसास कराना चाहती है. रामपुर सीट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. क्योंकि अब कहा जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आजम खान की बहू सदिया खान को टिकट दे सकते हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को दिल्ली में नाराज आजम खान से मुलाकात की और रामपुर सीट को लेकर चर्चा की. असल में सिदरा खान (Sidra Khan) के जरिए सपा अध्यश्र जहां मुस्लिम बोटबैंक को साध सकते हैं. वहीं मुस्लिम महिलाओं को भी अपने पाले में कर सकते हैं. क्योंकि ये कहा जा रहा है कि मुस्लिम महिलाओं का झुकाव अब बीजेपी की तरफ हो रहा है और विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया था. लिहाजा लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए सपा सिदरा खान को टिकट देने की योजना बना रही है.
असल में बुधवार को अखिलेश यादव दिल्ली पहुंचे थे और वहां उन्होंने गंगाराम अस्पताल में भर्ती आजम खान से मुलाकात की. जेल से आने के बाद आजम खान और अखिलेश यादव की ये पहली बैठक थी और बताया जा रहा है कि ये बैठक एक घंटे से भी ज्यादा चली और इस बैठक के दौरान रामपुर सीट के टिकट को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. हालांकि दोनों की तरफ से बातचीत का खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि अखिलेश यादव रामपुर की सीट आजम खान के परिवार को देने के लिए तैयार हैं. दरअसल, रामपुर लोकसभा सीट मार्च में हुए विधानसभा चुनाव के बाद खाली है. क्योंकि विधायक चुने जाने के बाद आजम खान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. लिहाजा अब आजम खान का परिवार इस सीट के लिए दावेदारी कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश ने आजम परिवार के एक सदस्य को टिकट दिए जाने का प्रस्ताव रखा था. गौरतलब है कि सिदरा खान कई बार सपा अध्यक्ष की तारीफ भी कर चुकी हैं. यही नहीं विधानसभा चुनाव में सिदरा खान ने मैदान में उतरने का इशारा भी किया था. लेकिन सपा ने आजम परिवार के खाते में सिर्फ दो सीटें ही छोड़ी, जिसके कारण सिदरा चुनाव नहीं लड़ सकी थी.
सपा के लिए लिटमस टेस्ट होगा रामपुर उपचुनाव
फिलहाल राज्य की दो लोकसभा सीट रामपुर और आजमगढ़ में होने वाले उपचुनाव को लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि ये दोनों ही सीटें सपा का गढ़ मानी जाती हैं. लेकिन इस बार बीजेपी इसमें सेंध लगाने की तैयारी में है. लिहाजा सपा भी रामपुर सीट को आजम खान के परिवार के पास ही रखना चाहती है. ताकि अगर बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब रही तो सपा से ज्यादा आजम खान के परिवार को सियासी नुकसान होगा.
सिदरा के जरिए मुस्लिमों महिलाओं पर सपा करेगी फोकस
राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में इस बार की चर्चा थी कि मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को जमकर वोट दिए हैं. जिसके कारण सपा भी अब अलर्ट हो गई है. लिहाजा वह आजम खान की बहू सिदरा खान के जरिए मुस्लिम महिलाओं को साध सकती है. वर्तमान में लोकसभा में सपा के तीन सांसद हैं और इसमें एक भी महिला नहीं है. सिदरा खान के जरिए सपा मुस्लिम महिलाओं के साथ मुस्लिमों को संदेश दे सकती है कि वह एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मुस्लिमों का ख्याल रखती है.
बीजेपी पर बढ़ेगा दबाव
आजम खान की बहू को रामपुर लोकसभा सीट से टिकट देने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर भी सपा दबाव बनाने में सफल होगी. क्योंकि अगर सपा रामपुर से किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाती है तो वह मुस्लिमों की उपेक्षा का आरोप बीजेपी पर लगा सकती है.
लोकसभा चुनाव-2024 पर है सपा की नजर
दरअसल समाजवादी पार्टी की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है और इसके लिए उसने अभी से एमवाई समीकरण को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसी रणनीति के तहत सपा मुस्लिम और मुस्लिम महिलाओं पर टारगेट कर रही है. सपा किसी भी हार में मुस्लिम महिलाओं का वोट बैंक बीजेपी के तरफ शिफ्ट नहीं होने देना चाहती है.
सोर्स- tv9hindi.com
Rani Sahu
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